नवरात्रि 2024 कब है?Navratri 2024 kab hai?कब है नवरात्रि 2024 kab hai Navratri 2024

 

नवरात्रि 2024 कब है?Navratri 2024 kab hai?कब है नवरात्रि 2024 kab hai Navratri 2024

Navratri 2024: नवरात्रि 2024 में कब है?Navratri 2024 kab hai?

नोट करें डेट, घटस्थापना डेट और महत्वपूर्ण जानकारी

नवरात्रि 2024: मां दुर्गा की पूजा के लिए साल में 4 बार नवरात्रि मनाई जाती है. नवरात्रि के 9 दिन महत्वपूर्ण होते हैं. जानें साल 2024 में चारों नवरात्रि की डेट, और महत्वपूर्ण बातें

 

 

नवरात्रि में कई शुभ कार्य किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की नौ तिथियां ऐसी होती हैं, जिसमें बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। धार्मिक शास्त्रों में कुल चार नवरात्रि का वर्णन है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। 

 

#नवरात्रि 2024 कब है?यह आपके लिए क्यों महत्वपूर्ण है?विस्तार

हिंदू धर्म में नवरात्रि का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ये पर्व भारत में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। इन नौ दिनों में माता रानी के भक्त उपवास रखते हैं और उनके अलग-अलग स्वरूपों की उपासना करते हैं। इसके अलावा नवरात्रि में कई शुभ कार्य किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि की नौ तिथियां ऐसी होती हैं, जिसमें बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। धार्मिक शास्त्रों में कुल चार नवरात्रि का वर्णन है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्रि का अधिक महत्व है, क्योंकि इस दौरान सार्वजनिक रूप से मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र नवरात्रि में माता की सवारी घोड़ा होगा.

शारदीय नवरात्रि में माता डोली में पधारेंगी.

नवरात्रि 2024दुर्गा के नौ रूप

मां शैलपुत्री - हिमालय के राजा की पुत्री।

मां ब्रह्मचारिणी - जो ब्रह्मचर्य का पालन करता है।

मां चन्द्रघण्टा - वह जो चन्द्रमा को अपने गले में धारण करती है।

मां कुष्माणा - जिसके शून्य में ब्रह्मांड है

मां  स्कंदमाता - कार्तिकेय की माता।

मां कात्यायनी देवी - जिन्होंने देवताओं की सहायता के लिए अवतार लिया।

मां कालरात्रि - सबसे खराब काली का नाश करने वाली।

मां महागौरी - बड़ी तपस्या करने वाली।

मां सिद्धिदात्री - मोक्ष दाता।

 

 नवरात्रि 2024दुर्गापूजन

ग्ंगाजल, रोली, मौली, पान, सुपारी, धूपबत्ती, घी का दीपक, फल, फूल की माला, विल्वपत्र, चावल, केले का खम्भा, वन्दनवार के वास्ते आम के पत्ते, चन्दन, घट, नारियल, हल्दी की गाँठ, पंचरत्न, लाल वस्त्र, पूर्ण पात्र (चावल से भरा पात्र), गंगा की मृत्तिका, जौ, बताशा, सुगन्धित तेल, सिन्दूर, कपूर, पंच सुगन्ध, नैवेद्य के वास्ते फल इत्यादि (पंचामृत), दूध, दही, मधु, चीनी (पंचगव्य), गाय का गोबर, गौ मूत्र, गौ दूध, गौ दही, गौ घृत, दुर्गा जी के लिए वस्त्र, आभूषण तथा नैवेद्यादि, अष्टमी में ज्योति पूजन के वास्ते उपरोक्त सामग्री। डाभ, घृत, गंगाचल।

·         मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए करें इन मंत्र का जाप

·         सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।

·         शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते॥

·         ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।

·         दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते॥


हिन्दी में अनुवाद: सर्व मंगलकारी वस्तुओं में विद्यमान

मांगल्य रूप देवी, कल्याणदायिनी, सर्व पुरुषार्थों को साध्य कराने वाली, शरणागतों की रक्षा करने वाली देवी, त्रिनयना, गौरी, नारायणी ! आपको मेरा प्रणाम श्री दुर्गा देवी के अतुलनीय गुणों का परिचय इस श्लोक से होता है जीवन को परिपूर्ण बनाने हेतु आवश्यक सर्व विषयों का साक्षात् प्रतीक हैं, आदिशक्ति श्री दुर्गादेवी श्री दुर्गा देवी को जगत जननी कहा गया है जगत्जननी अर्थात् सबकी माता

नवरात्रि 2024नौ दिन नौ भोग

  • नवरात्रि के पहले दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करें। इससे शरीर निरोगी रहता है।
  • नवरात्रि के दूसरे दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं। इससे आयु वद्धि होती है।
  • नवरात्रि के तीसरे दिन दूध या दूध से बनी मिठाई खीर का भोग लगाएं। इससे दुःखों से मुक्ति मिलती है।
  • नवरात्रि के चौथे दिन मालपुए का भोग लगाएं। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है।
  • नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का भोग चढ़ायं। इससे शरीर स्वस्थ रहता है।
  • नवरात्रि के छठे दिन मां को शहद का भोग लगाएं। जिससे लोग आप की तरफ आकर्षित होंगे।
  • नवरात्रि के सातवें दिन मां को गुड़ का भोग चढ़ाएं। इससे आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा मिलती है।
  • नवरात्रि के आठवें दिन मां को नारियल का भोग लगाए। इससे संतान संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
  • नवरात्रि के नवें दिन मां को तिल का भोग लगाएं। इससे मृत्यु भय से राहत मिलेगी।

ऐसे में चलिए जानते हैं कि साल 2024 में चैत्र और शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कब से हो रही है और मां अंबे की आराधना के लिए महत्वपूर्ण तिथियां कौन-कौन सी हैं...

चैत्र और शारदीय नवरात्रि 2024
हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2024 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है। इसका समापन 17 अप्रैल को होगा। वहीं 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि  शुरू होगी, जोकि 11 अक्टूबर को समाप्त होगी। 12 अक्टूबर को दशहरा यानी विजया दशमी मनाई जाएगी।


चैत्र नवरात्रि और शरद नवरात्रि के बीच अंतर

 

हिन्दू पंचांग के अनुसार, नवरात्रि का त्योहार वर्ष में दो बार होता है: पहली बार गर्मी की शुरुआत (मार्च-अप्रैल) में और दूसरी बार, जिसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है, सर्दी की शुरुआत (सितंबर-अक्टूबर) में। चैत्र नवरात्रि के दौरान अनुसरण किए जाने वाले आचार-विचार वास्तव में सितंबर या अक्टूबर के महीनों में शारदीय नवरात्रि के दौरान अनुसरण किए जाने वाले आचार-विचार के समान होते हैं। शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना पूजा विधि में समानता होती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, 2024 में, शारदीय नवरात्रि 3 अक्टूबर से शुरू होगी और 11 अक्टूबर को समाप्त होगी। दशहरा या विजया दशमी का उत्सव 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।


चैत्र नवरात्रि 2024

  • 9 अप्रैल 2024 को मां शैलपुत्री की पूजा
  • 10 अप्रैल 2024 को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • 11 अप्रैल 2024 को मां चंद्रघंटा की पूजा
  • 12 अप्रैल 2024 को मां कुष्मांडा की पूजा
  • 13 अप्रैल 2024 को मां स्कंदमाता की पूजा
  • 14 अप्रैल मां 2024 को मां कात्यायनी की पूजा
  • 15 अप्रैल 2024 को मां कालरात्रि की पूजा
  • 16 अप्रैल 2024 को मां महागौरी की पूजा
  • 17 अप्रैल 2024 को मां सिद्धिदात्री की पूजा (राम नवमी)


शारदीय नवरात्रि 2024

  • 3 अक्टूबर 2024 को मां शैलपुत्री की पूजा
  • 4 अक्टूबर 2024 को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
  • 5 अक्टूबर 2024 को मां चंद्रघंटा की पूजा
  • 6 अक्टूबर 2024 को मां कुष्मांडा की पूजा
  • 7 अक्टूबर 2024 को मां स्कंदमाता की पूजा
  • 8 अक्टूबर 2024 को मां कात्यायनी की पूजा
  • 9 अक्टूबर 2024 को मां कालरात्रि की पूजा
  • 10 अक्टूबर 2024 को मां महागौरी की पूजा
  • 11 अक्टूबर 2024 को मां सिद्धिदात्री की पूजा

नवरात्रि 2024

Navratri 2024: हिंदू धर्म के अनुसार साल में चार बार आदिशक्ति की आराधना का पर्व मनाया जाता है, दो प्रकट और दो गुप्त. इसमें माघ और आषाढ़ महीने में आने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है. वहीं चैत्र और अश्विन माह की शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष नवरात्र माना जाता है, इसमें 9 दिन तक मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा होती है.

हर साल मां दुर्गा के भक्तों को नवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है. आइए जानते हैं साल 2024 में चैत्र नवरात्रि, शारदीय नवरात्रि और गुप्त नवरात्रि की डेट, समस्त महत्वपूर्ण जानकारी.

नवरात्रि 2024 डेट (Navratri 2024 Date)

·         हिंदू धर्म में मां दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. मां दुर्गा की विशेष पूजा के लिए देश भर में नवरात्रि का उत्सव जोर शोर से मनाया जाता है. नवरात्र में 9 दिनों तक देवी के 9 रूपों की उपासना होती है और व्रत रखा जाता है. साल में कुल 4 नवरात्रि पड़ती हैं जिनमें से 2 गुप्त गुप्त नवरात्रि और 2 प्राकट्य नवरात्र. गुप्त नवरात्रि का व्रत माघ और आषाढ़ के महीने में रखा जाता है. गुप्त नवरात्रि में गुप्त रूप से मां दुर्गा की आराधना की जाती है.

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2024 में कब हैं गुप्त नवरात्रि

2024 में कब हैं गुप्त नवरात्रि

·         इस वर्ष माघ महीने में गुप्त नवरात्रि 10 फरवरी 2024 शनिवार से शुरू होगी. और 18 फरवरी रविवार को इनका समापन होगा. ये नवरात्र पूरे 9 दिन तक रहेंगे.

चैत्र में नवरात्रि- 9 अप्रैल से 17 अप्रैल,

आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि-6 जुलाई से 15 जुलाई,

आश्विन में नवरात्रि-3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर,

गुप्त नवरात्रि का महत्व (Gupt Navratri Importance)

गुप्त नवरात्रि अर्थात जिसमें माता की गुप्त रूप से पूजा की जाती हो. गुप्त नवरात्रि में खासतौर पर तंत्र साधनाओं का महत्व होता है और तंत्र साधना को गुप्त रूप से ही किया जाता है. इस नवरात्रि में विशेष कामना की पूर्ति हेतु अघोरी, तांत्रिक 10 महाविद्याओं की पूजा कर अलौकिक सिद्धियां प्राप्त करते हैं. वहीं गृहस्थ जीवन वाले इस दौरान सामान्य रूप से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. कहते हैं इसमें व्यक्ति व्रत, पूजा, मंत्र जाप, संयम, नियम, यज्ञ, तंत्र, त्राटक, योग कर दुर्लभ सिद्धियां पाता है.

गुप्त नवरात्रि में माता की गुप्त रूप से पूजा की जाती हो. यह खासतौर पर तंत्र साधनाओं का महत्व होता है. तंत्र मंत्र की साधना करने वाले 10 महाविद्याओं की पूजा कर सिद्धियों की प्राप्ति करते हैं. गृहस्थ इस दौरान सामान्य रूप से मां दुर्गा की पूजा करते हैं.

·         नवरात्रि 2024गुप्त नवरात्रि का धार्मिक महत्व

·         गुप्त नवरात्रि तांत्रिक और अघोरियों के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. ये अवसर तांत्रिक और अघोरियों के लिए स्वर्णिम अवसर होता है, इस दौरान तांत्रिक और अघोरी तंत्र, मंत्र व यंत्र की सिद्धि के लिए गुप्त साधना करते हैं. और सामान्य साधक मनोकामना पूर्ति, व कष्टों के निवारण के लिए देवी दुर्गा की पूजा करते हैं. मान्यताओं के अनुसार, इस पूजा को जितना ज्यादा गुप्त रखा जाता है, उतनी ही जल्दी पूजा का फल मिलता है और मनोकामना पूरी होती है.

·         आने वाली है गुप्त नवरात्रि, भूलकर भी इन दिनों में न करें ये काम!

·         मां दुर्गा की उपासना का पर्व फरवरी में आने वाला है जो "गुप्त नवरात्रि" के नाम से जाना जाता है. माघ के महीने में पड़ने वाली नवरात्रि को "माघ नवरात्र" भी कहा जाता है. इस वर्ष गुप्त नवरात्रि का उत्सव कब है, और इन दिनों में कौन से कार्य हैं जो नहीं करने चाहिए, आइए विस्तार से जानते हैं.

·         गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम

·         मान्यताओं के अनुसार, गुप्त नवरात्रि के दिनों में बाल नहीं कटवाने चाहिए. बाल ना कटवाने के साथ साथ इन दिनों नाखून भी नहीं काटने चाहिए. गुप्त नवरात्रि में बच्चों का मुंडन संस्कार भी नहीं करवाना चाहिए. गुप्त नवरात्रि के 9 दिनों तक देर तक नहीं सोना चाहिए, खासकर उन लोगों को बिलकुल भी देर तक नहीं सोना चाहिए जिन्होंने नौ दिनों का व्रत रखा हुआ हो.

 

चैत्र नवरात्रि 2024 तिथि (Chaitra Navratri 2024 Tithi)

चैत्र
नवरात्रि 2024 तिथि
(Chaitra Navratri 2024 Tithi)

          .   9 अप्रैल 2024 वार मंगलवार को चैत्र शुक्ल                             प्रथमा है मां शैलपुत्री माता  की पूजा की जाती है

·         10 अप्रैल 2024 वार बुधवार को चैत्र शुक्ल द्वितीया को मां ब्रह्मचारिणी माता की पूजा की जाती है

·         11 अप्रैल 2024 वार गुरुवार को चैत्र शुक्ल तृतीया को मां चंद्रघंटा माता की पूजा की जाती है

·         12 अप्रैल 2024 वार शुक्रवार को चैत्र शुक्ल चतुर्थी को मां कुष्मांडा माता की पूजा की जाती है

·         13 अप्रैल 2024 वार शनिवार को चैत्र शुक्ल पंचमी को मां स्कंदमाता माता की पूजा की जाती है

·         14 अप्रैल 2024 वार रविवार को चैत्र शुक्ल षष्ठी को मां कात्यानी माता की पूजा की जाती है

·         15 अप्रैल 2024 वार सोमवार को चैत्र शुक्ल  सप्तमी को मां कालरात्रि माता की पूजा की जाती है

·         16 अप्रैल 2024 वार मंगलवार को चैत्र शुक्ल  अष्टमी को मां महागौरी माता की पूजा की जाती है

·         17 अप्रैल 2024 वार बुधवार को चैत्र शुक्ल  नवमी  को मां सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाती है

  • शारदीय​ नवरात्रि 2024 तिथियां:
  • पहली शारदीय नवरात्रि: माँ शैलपुत्री पूजा, घटस्थापना: गुरुवार, 03 अक्टूबर 2024
  •  दूसरी शारदीय नवरात्रि: माँ ब्रह्मचारिणी पूजा, शुक्रवार, 04 अक्टूबर 2024
  •  तीसरी शारदीय नवरात्रि: माँ चंद्रघंटा पूजा, शनिवार, 05 अक्टूबर  2024
  •  चौथी शारदीय नवरात्रि: माँ कुष्मांडा पूजा, रविवार, 06 अक्टूबर 2024
  •  पाँचवीं शारदीय नवरात्रि: माँ स्कंदमाता पूजा, सोमवार, 07 अक्टूबर 2024
  •  छठी शारदीय नवरात्रि: माँ कात्यायनी पूजा, मंगलवार, 08 अक्टूबर 2024
  •  सातवीं शारदीय नवरात्रि: माँ कालरात्रि पूजा, बुधवार, 09 अक्टूबर 2024
  •  आठवीं शारदीय नवरात्रि: माँ महागौरी दुर्गा ,महाअष्टमी पूजा, गुरुवार, 10 अक्टूबर 2024
  •  नौवीं शारदीय नवरात्रि: माँ सिद्धिदात्री दुर्गा ,महानवमी पूजा, शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2024
  •  नवमीं शारदीय नवरात्रि: दुर्गा विसर्जन, विजय दशमी, गुरुवार, 12 शनिवार 2024

 

चैत्र और शारदीय नवरात्रि महत्व (Navratri Significance)

चैत्र नवरात्रि - चैत्र नवरात्रि को वसंत नवरात्रि या राम नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि नवरात्रि उत्सव के नौवें दिन को भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. चैत्र नवरात्र के पहले दिन आदिशक्ति प्रकट हुई थी और देवी के कहने पर ब्रह्मा जी को सृष्टि निर्माण का कार्य शुरु किया था.

चैत्र नवरात्रि से हिंदू नववर्ष शुरू होता है. इस दिन को भारत में अलग-अलग त्योहार के रूप में मनाया जाता है. जैसे महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा और आंध्र प्रदेष में उगादी पर्व मनाते हैं. चैत्र नवरात्रि में घटस्थापना कर  9 दिन व्रत रखकर मां अंबे की पूजा करने वालों को ग्रहों की अशुभता से मुक्ति मिलती है, जीवन में खुशहाली आती है.

शारदीय नवरात्रि - अश्विन महीने में आने वाली शारदीय नवरात्रि आदिशक्ति मां दुर्गा यानी महिषासुरमर्दिनी को समर्पित है. संसार को महिषासुर नामक असुर के अत्याचार से बचाने के लिए शारदीय नवरात्रि के 9 दिन तक मां दुर्गा ने माता भगवती असुर राज महिषासुर ये युद्ध किया था उसके बाद नवमी की रात्रि को उसका वध किया.

शारदीय नवरात्रि में घर-घर घटस्थापना कर देवी दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाती है, अखंड ज्योत जलती है. मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि की साधना आपको मानसिक रूप से मजबूत बनाती है और आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति करने वाली है. वहीं शारदीय नवरात्रि सांसारिक इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी जाती है.

    नवरात्रि 2024 माता का वाहन (Navratri 2024 Mata ki                        Sawari)

  • चैत्र नवरात्रि (9 अप्रैल 2024, मंगलवार) - माता की सवारी घोड़ा होगी
  • शारदीय नवरात्रि (3 अक्टूबर 2024, गुरुवार) माता की सवारी डोली होगी.

 

धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी दुर्गा का वाहन हाथी, घोड़ा, नाव, पालकी भी है. मां दुर्गा की सवारी दिन के हिसाब से तय होती है. जब नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से शुरू होती है तो वाहन घोड़ा होता है जिसे अशुभ माना जाता है. वहीं गुरुवार के दिन से शुरू होने वाली नवरात्रि में माता डोली में बैठकर पृथ्वी पर आती हैं, इसे जन-हानि या तांडव का संकेत माना जाता है.

नवरात्रि 2024 घटस्थापना विधि (Navratri Ghatsthapana Vidhi)

  • नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के लिए स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें.
  • मंदिर की साफ-सफाई करने के बाद सबसे पहले गणेश जी का नाम लें और फिर मां दुर्गा के नाम से अखंड ज्योत जलाएं.
  • फिर इसके बाद पूजा स्थल की सजावट करें और चौकी रखें जहां पर कलश में जल भरकर रखें। इसके बाद कलश को कलावा से लपेट दें।
  • फिर कलश के ऊपर आम और अशोक के पत्ते रखें।
  • कलश स्थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं.
  • अब एक तांबे के लोटे पर रोली से स्वास्तिक बनाएं. लोटे के ऊपरी हिस्से में मौली बांधें. अब इस लोटे में पानी, गंगाजल मिलाएं
  • इसमें सवा रुपया, दूब, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें. इसके बाद कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगाएं.
  • अब एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें. फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें.
  • इसके बाद धूप-दीप जलाकर मां दुर्गा का आवाहन करें और शास्त्रों में मां दुर्गा के पूजा-उपासना की बताई गई विधि से पूजा प्रारंभ करें।
  • अब ईशान कोण पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं. इस पर कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें आपने जौ बोएं हैं. माता की तस्वीर रखें. कलश स्थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्प लिया जाता है.

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नवरात्रि के नौ दिन पहने 9 रंग के कपड़े, बेहद प्रसन्न होंगी मां दुर्गा, जानें महत्व

नवरात्रि के नौ दिन पहने 9 रंग के कपड़े, बेहद प्रसन्न होंगी मां दुर्गा, जानें महत्व

 

Navratri 2024 Colours: 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा में 9 रंग के कपड़े पहनना चाहिए, इससे देवी प्रसन्न होती है. जानें 9 देवियों के 9 प्रिय रंग

 

नवरात्रि 2024 प्रतिपदा तिथि (नारंगी) - शारदीय नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के साथ मां शैलपुत्री की पूजा होगी. देवी को नारंगी रंग प्रिय है. नारंग रंग स्फूर्ति और उल्लास का अनुभव करता है. नारंगी रंग से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

 

नवरात्रि 2024 द्वितीया तिथि (सफेद) - नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित रहेगा. ऐसे में सफेद रंग के कपड़े पहनकर पूजा करने से देवी संग भोलेनाथ की कृपा मिलेगी.श्वेरंग शुद्धता और शांति का प्रतीक है, इससे आत्मविश्वास बढ़ता है.

 

नवरात्रि 2024 तृतीया तिथि (लाल) - देवी चंद्रघंटा की पूजा होगी. इस दिन लाल रंग पहनना शुभ होगा. लाल रंग मां दुर्गा का सबसे प्रिय माना गया है. लाल रंग शक्ति, प्रेम का प्रतीक है.

 

नवरात्रि 2024 चतुर्थि तिथि (गहरा नीला) - नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन गहरा नीला रंग पहनकर देवी कूष्मांडा की पूजा करें. मान्यता है ये रंग अतुलनीय आनन्द की अनुभूति देता है. इससे समृद्धि में वृद्धि होती है.

 

नवरात्रि 2024 पंचमी तिथि (पीला) - 19 अक्टूबर को पीला रंग पहनकर मां स्कंदमाता की उपासना करना अति शुभ रहेगा. पीला रंग पहनकर पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

 

नवरात्रि 2024 षष्ठी तिथि (हरा) - मां कात्यायनी की पूजा होगी. इस दिन भक्तों को हरा रंग पहनकर पूजा करना उन्नति के रास्ते खोलेगा. हरा रंग प्रकृति, खुशहाली, विकास का प्रतीक है. इससे सुखी वैवाहिक जीवन और वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है.

 

नवरात्रि 2024 सप्तमी तिथि (स्लेटी) - मां कालरात्रि की पूजा में स्लेटी रंग पहनें. नवरात्रि में ग्रे यानी स्लेटी रंग पहनकर पूजा करने से बुराईयों का नाश होता है.

 

नवरात्रि 2024 अष्टमी तिथि (बैंगनी) - जामुनी रंग के वस्त्र पहनकर मां महागौरी का पूजन करें. नवदुर्गा की पूजन में बैंगनी रंग का प्रयोग करने से भक्तों को समृद्धि एवं सम्पन्नता की प्राप्ति होती है

 

नवरात्रि 2024 नवमी तिथि (मोर वाला हरा रंग) - महानवमी के दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा होगी. इस दिन मयूर हरा रंग का प्रयोग करें. मयूर हरा रंग विशिष्टता एवं व्यक्तित्व को दर्शाता है.

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धन्यवाद

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि हम किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करते है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

 

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