गिलहरी का भगवान पर भरोसा hindi kahayiya

 

गिलहरी का भगवान पर भरोसा।

“भगवान पर आस्था की शक्ति” से जुडी हुई एक एसी ही कहानी एक गिलहरी की हैं ,, जो आज हम आपको बताने जा रहे हैं ,, कहते हैं आस्था यानि की विश्वास एक एसी शक्ति होती हैं जो पत्थर को भी भगवान बना देती हैं ,, एक गिलहरी जो भगवान पर अटूट विश्वास करती थी ,, जो अपनी मोत सामने होते हुए भी भगवान से भरोसा नहीं उठने दे रही थी ||

एक बार की बात हैं ,, किसी जंगल में एक गिलहरी रहती थी , जिसका भगवान पर अटूट विश्वास था. उसे हर वक्त लगता था की भगवान उसकी मदत करेगा |

एक बार जंगल में अचानक भीसण आँग लग गई ,, आँग के प्रकोप को देखकर जंगल के सभी जानवरों में हलचल मच गई , सभी अपनी-अपनी जान बचाकर भगवान से प्रार्थना करते हुए , किसी भी तरह जंगल से बाहर निकलने का प्रयत्न कर रहे थे ,, सभी के मन में एक ही आश थी ,, कि किसी भी तरह अपनी जान बचाई जाये |

लेकिन गिलहरी बचने के लिए कुछ भी प्रयास नहीं करती ,, और भगवान की कड़ी तपस्या करने लगी , वहा से गुजर रहे सभी जानवर ने उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए कहा , लेकिन गिलहरी ने मना कर दिया – ” मेरा भगवान पर अटूट विश्वास हैं , वे मुझे बचाने जरुर आयेंगे |

आँग का प्रकोप और तेज होने लगा ,, जंगल के सभी जानवर तेजी से कोई इधर भागता तो कोई उधर भागता , जंगल मे हाँहाँकार मच गया , गिलहरी को देखकर एक खरगोश ने कहा -:

“तुम ये क्या कर रहे हो ? सभी जानवर अपनी-अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं , और तुम्हें कोई चिंता नहीं हैं |”
गिलहरी ,, “तुम अपनी जान बचाओ मुझे तो मेरे भगवान बचाएँगे |”

आँग धीरे-धीरे उसके पास आने लगी ,, तो गिलहरी पास की छोटी चट्टान पर चढ़ गई ,, ये देखकर लोमड़ी बोली ,, ” तुम पागल हो गये हो क्या ? तुम्हें पता नहीं हैं ,, आँग तुम्हारे पास आ गयी हैं ,, किसी भी तरह अपनी जान बचालो,” हमारे जंगल के सभी जानवर जंगल से बाहर निकल गये हैं ,, तुम भी चलो मेरे साथ |

गिलहरी ने मना कर दिया – ” तुम जाओ मुझे मेरे भगवान पर पूरा भरोसा हैं ,, वो ही आकर मुझे बचायेंगे |”

इतने आग उसके बिलकुल पास आ गयी ,, गिलहरी और उपर की चट्टान पर चढ़ गयी ,, आकाश में उड़ रहे कुछ मोर ने उसे समझाया ,, चलो हम तुम्हें अपने पंजो में पकड़कर जंगल से बाहर निकल देते हैं ।

लेकिन उसने अपनी जिद नहीं छोड़ी और आँग चट्टान तक पहुँच गई , और गिलहरी आँग में ही जलकर मर गयी |

मरने के बाद गिलहरी ने भगवान से कहा ,, ” हैं भगवान मुझे तुमपर अटूट विश्वास था , कड़ी तपस्या कर रहा था , लेकिन आप मुझे बचाने नहीं आये |”

भगवान ने कहा ,, ” मैं तुम्हें एक बार नहीं बल्कि कई बार बचाने के लिए अलग-अलग रूपों में आया , लेकिन तुमने अपनी जिद नहीं छोड़ी ,, और मुझे नहीं पहचाना , तुम्हें क्या लगता – मेने तुम्हें बचाने के लिए प्रयत्न नहीं किया |”

अगर हमें भगवान पर भरोसा हैं ,, तो हमें ये बात भी नहीं भूलनी चाहिए की भगवान हमें बचाना नहीं चाहते हैं ,, बल्कि भगवान हर समय हमारे साथ होते हैं ,, वो हमें किसी भी रूप में बचाने आ सकते हैं हमें सिर्फ उन्हें पहचानने में देर हो जाती हैं ,, भगवान अपने भक्तों को कभी भी कष्टों में नहीं देख सकते हैं ,, और एक बात और हैं “जब ईश्वर किसी को प्यार करता हैं न तो उसे कष्टों से रगड़कर साफ़ करता हैं “,, आप ये मत सोचिए की भगवान मुझे कष्टों में क्यों थकेल रहे हैं ,, बल्कि ये समझिए की भगवान ने आपको चुना हैं ,, पास रखने के लिए ||

परमात्मा की अनुभूति हमारे कल्याण का कारण हैं ,, इसलिए जीवन में ईश्वर के प्रति आस्था रखते हुए मानवीय नैतिक मूल्यों पर अमल करना चाहिए ,, बहुत सारे ऐसे उदहारण मिल जायेंगे जो हमें आस्था , निति ,चरित्र और भक्ति की महिमा का बोध कराती हैं ,, जो भी चीज हमें दिखाई न दे उसे मानने के लिए हमें विश्वास की जरूरत होती हैं ,, जैसे की हवा वैसे ही भगवान हमें दिखाई नहीं देते हैं ,, लेकिन हमें फिर भी उनपर विश्वास होता हैं ||

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