हनुमान जी का हैप्पी बर्थडे | Hanuman Jayanti | Hindi Kahani | Moral Stories | Bhakti Stories |Bhakti -

 (2) हनुमान जी का हैप्पी बर्थडे | Hanuman Jayanti | Hindi Kahani | Moral Stories | Bhakti Stories |Bhakti -  


हर साल भक्त हनुमान जयंती का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाते हैं हर साल की तरह इस साल भी सभी मंदिरों में भक्तों के घर कीर्तन में हर जगह हनुमान जयंती का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा था भगवान हनुमान देवलोक से यह सब देखकर बड़े ही खुश होते हैं यह देख हनुमान का मन धरती लोक पर जाने का करता है और वह श्री राम माता सीता और लक्ष्मण को भी अपने साथ धरती लोक पर चलने के लिए मना लेते हैं जब वह धरती लोक पर पहुंचते हैं तो हर तरफ हनुमान चालीसा का पाठ राम भजन और हनुमान और राम जी के गाने बज रहे थे यह देख हनुमान जी बहुत ही

(00:52) खुश होते हैं वह सभी अपने वेशभूषा में खड़े थे कि तभी एक भक्त की नजर हनुमान जी पर पड़ी जय श्री राम राम परिवार की इस झाकी में यह बालक तो बिल्कुल हनुमान की भांति ही नजर आ रहे हैं इन्हें देखकर लग रहा है इन्हें लड्डू के प्रसाद खाने का बड़ा मन हो रहा है मैं अभी इनके लिए लड्डू का प्रसाद लेकर आती हूं वो औरत लड्डू लाकर उन सबको दे देती है यह लो श्रीराम जी यह आपका माता सीता आप भी खाइए लक्ष्मण जी ये आपका और हनुमान जी यह आपका बड़ा लड्डू आप सबको देखकर तो ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो सचमुच श्री राम परिवार हमारे सामने आ गया हो यह सुनकर वह चारों मुस्कुराते हैं और

(01:32) अंतर्ध्यान हो जाते हैं यह चमत्कार देख वहां खड़े सभी लोग हैरान रह जाते हैं हे प्रभु यह कैसी भूल हो गई हमसे आप सब स्वयं हमें दर्शन देने आए और हम आपको झांकी समझ बैठे भगवान कब किस रूप में हमें दर्शन दे दे हमें पता ही नहीं चलता बिल्कुल सही कहा बहन चलो अब अंदर चलकर उनकी पूजा करते हैं और उनसे अपनी भूल के लिए क्षमा याचना मांगते हैं उधर हनुमान राम परिवार के साथ आगे बढ़ रहे थे और पृथ्वी लोक पर चल रही तैयारियों को देखकर मंत्र मुग्ध हो रहे थे वह सभी चलते ही जा रहे थे कि तभी उनकी नजर एक टूटी फूटी झोपड़ी पर पड़ी जिसमें एकदम

(02:11) सन्नाटा पसरा हुआ था यह देख हनुमान बोले प्रभु इस झोपड़ी में इतना अंधेरा क्यों है क्या यहां कोई नहीं रहता हनुमान अंदर चलकर देखते हैं वहीं जाकर पता चलेगा प्रभु मैं इस परिवार के साथ अपना जन्मदिन मनाना चाहता हूं यह तो बहुत अच्छी बात है हनुमान हां हनुमान हम भी इसी परिवार के साथ तुम्हारा जन्मदिन मनाएंगे हनुमान झोपड़ी के बाहर खड़े होकर कहते हैं क्या हम अंदर आ सकते हैं अरे यह तो कोई हनुमान जी और राम जी की झांकी लगती है हां हां आप सब अंदर आ जाइए मैं अपना जन्मदिन आप सबके साथ मनाना चाहता हूं और आप सबके साथ केक काटना चाहता

(02:57) हूं लेकिन मेरे पास खिचड़ी के अलावा और कुछ नहीं है प्रभु आज के इस शुभ अवसर पर आप सब मेरे घर में भगवान के रूप में आए हैं मैं आपकी इच्छा कैसे पूरी कर सकती हूं हे पवन पुत्र मेरी मदद करो माता आप दुखी मत हो आप इस खिचड़ी को पांच भागों में बांट दो सीमा को कुछ समझ नहीं आ रहा था उसने उस थोड़ी सी खिचड़ी के पांच भाग कर दिए लेकिन अचानक एक एक करके सारी खिचड़ी की थालियां अलग-अलग चीजों से भर गई पहली थाली स्वादिष्ट के दूसरी लड्डू और मिठाई तीसरी पूरी पकवान चौथा नए-नए कपड़ों से और पांचवी थाली सोने के ढेर सारे सिक्कों और रुपयों से भर गई यह चमत्कार देख सीमा और

(03:41) उसका परिवार हैरान रह गए वह सभी भगवान के चरणों में गिर गए हनुमान जयंति के इस पावन अवसर पर साक्षात आप सभी प्रभु हमारे घर पधारे हमारा तो जीवन सफल हो गया प्रभु माता तुमने सच्चे हृदय से हमें याद किया और जो भक्त मुझे सच्चे मन से याद करता है उस पर मेरी कृपा हमेशा बनी रहती है फिर उन सबको आशीर्वाद देकर वो सभी अंतर्ध्यान हो जाते हैं प्रभु श्री राम के परिवार और हनुमान के चरण पढने से उनके घर से सारे दुख दूर हो जाते हैं अब उनके घर में किसी भी चीज की कोई कमी नहीं रहती वह अपने घर में एक बड़ा राम दरबार बनवाते हैं जिसमें माता सीता प्रभु राम लक्ष्मण और हनुमान जी

(04:24) की मूर्ति होती है अब सारा परिवार हर दिन उनकी पूजा पाठ करते साथ ही हर साल खुशी-खुशी उनके जन्मदिन पर केक काटकर हनुमान का जन्मदिन मनाते और प्रभु राम के साथ उन सबको केक का भोग [संगीत] लगाते जय बजरंग बली आपकी सदा ही जय हो हनुमान जी आप सदैव अपना आशीर्वाद मेरे सर पर बनाए रखना आपका नाम लेकर ही मैं अपना पानीपुरी का ठेला शुरू करता हूं आप मुझ पर अपनी कृपा यूं ही बनाए रखना आओ आओ बढ़िया ताजी स्वादिष्ट चटपटी पानीपुरी खाओ ऐसी पानीपुरी आज तक नहीं खाई होगी 10 में 20 पानीपुरी सस्ती और खस्ता भी आओ आओ पानीपुरी का ठेला लच्छू पानीपुरी वाला

(05:09) मेरे ठेले के सामने एक नया ठेला लग गया भोला पिछले कई सालों से पानीपुरी का ठेला चला रहा था वह हनुमान जी का परम भक्त था और रोजाना हनुमान मंदिर में दर्शन करते हुए वह अपना ठेला लेकर काम पर जाता था भोला ने अपने ठेले पर भी हनुमान जी की एक फोटो लगा रखी थी जिस पर वह रोजाना पानीपुरी श करने से पहले हनुमान जी को पानीपुरी का भोग लगाता था भोला को ऐसा करते देख सामने नया ठेला लगाने वाला लच्छू जोर-जोर से हंसने लगता है ऐसा तो भाई पहली बार देखा है हनुमान जी पानीपुरी खाते हैं कैसे बेवकूफ लोग हैं जो भगवान को पानी पूरी खिलाते हैं देखो भैया

(05:51) तुम यहां नए आए हो इसीलिए अपनी हद में रहो मेरा मजाक उड़ाने की कोई जरूरत नहीं है अपने काम से काम रखो मैं तुम्हें कुछ नहीं कह रहा इसका मतलब यह नहीं कि तुम मुझे कुछ भी भी बोलते जाओगे ऐसा है अब यहां मैं आ गया हूं अब मेरा पानीपुरी का ठेला ज्यादा चलने वाला है तुझे तो मैं कुछ ही दिन में यहां से तेरे हनुमान जी के साथ गायब कर दूंगा समझा लच्छू बदमाश टाइप का आदमी था उसके कई बदमाश दोस्त थे जो खाली समय में उसके ठेले पर आकर मौज मस्ती करते थे लच्छू जो पानीपुरी बनाता था उसका तरीका बहुत ही गंदा था यह बात किसी को भी पता नहीं थी यह

(06:25) काम वोह चोरी छुपे करता था भोला अपनी पत्नी ममता को इस बारे में बताता रहता ममता तुम नहीं जानती हो वह नया पानीपुरी वाला लच्छू बहुत ही गंदा इंसान है वह ग्राहकों को गंदे पानी और पुराने मसालों से बनी पानीपुरी खिलाता है यह बात कोई ग्राहक नहीं समझता सबको बस सस्ता दिखता है इसी वजह से मेरे ठेले पर ग्राहकों का आना बहुत कम हो गया है सब लच्छू के ठेले पर ही जाते हैं सुनो जी बेईमानी की नीव पर खड़ी इमारत की दीवारें बहुत कच्ची होती हैं देखना यह लच्छू ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा और आप तो अपने हनुमान जी पर विश्वास रखते हो ना तो अपनी सारी चिंता छोड़ दो भोला

(07:00) हनुमान जी का ध्यान करके सो जाता है अगले दिन भोला जब अपना ठेला लेकर बाजार पहुंचता है तो उसके ठेले पर कुछ बदमाश आ जाते हैं ओए पानीपुरी खिला तो जरा देखें तेरी पानीपुरी में कितना स्वाद है जी अभी खिलाता हूं ये लीजिए भाई पानीपुरी में ज्यादा स्वाद नहीं है थोड़ा तीखा और मिला बे मेरा दोस्त कई दिनों बाद आया है इसे जी भर के पानीपुरी खिला तभी दो आदमी और आ जाते हैं और वो भी उन्हीं दोनों बदमाशों के दोस्त होते हैं वो भी साथ में पानीपुरी खाने लगते हैं उनमें से दो लोग भोला के सिर पर मार मार कर बात कर रहे थे भोला को यह सब पसंद नहीं

(07:35) आ रहा था अरे आप लोग यह कैसी हरकत कर रहे हैं खिला तो रहा हूं इंसान हूं कोई मशीन नहीं खिलाने में समय तो लगता ही है अब आप चार मैं एक खिलाने वाला चलो भाई चलते हैं बस कर बे अरे अरे कहां जा रहे हो मेरे पैसे तो दे जाओ कौन से पैसे अरे तुम लोगों ने जो पानीपुरी खाई है मैं उसके पैसे मांग रहा हूं हमसे पैसे मांगेगा जा नहीं देते बोल क्या कर लेगा यह क्या बदतमीजी है तुम तो गुंडागर्दी कर रहे हो मेरी मेहनत की कमाई है वो तो तुम्हें देनी ही पड़ेगी साले हमसे पैसे मांगता है अभी तुझे बताते हैं चारों बदमाश भोला को बुरी तरह पीटने लगते

(08:10) हैं और उसका पानीपुरी का ठेला पूरा तोड़ देते हैं सामने खड़ा लच्छू पानीपुरी वाला जोर-जोर से हंस रहा था और मारो आज के बाद इसे पानीपुरी बेचने के लायक ही मत छोड़ना आसपास से जाते हुए लोग बदमाशों से इतना डर गए थे कि कोई भी भोला की मदद को नहीं आया बदमाश लच्छू के दोस्त थे वह जब वहां से चले गए तब एक व्यक्ति ने भोला की मदद की और उसे रिक्शा पर बिठाया भोला लहूलुहान घर पहुंचा उसकी हालत देखकर ममता घबरा गई और उसे डॉक्टर के पास ले गई भोला के हाथ पैरों में बहुत चोट थी डॉक्टर ने भोला को कुछ दिन आराम के लिए बोल दिया ममता यह सब उस बदमाश लच्छू पानी पुरे वाले

(08:50) काई किया रा है हे बजरंग बली ऐसे पापियों को सजा क्यों नहीं मिलती अब मैं काम पर कैसे जाऊंगा भोला भी ममता से बात कर ही रहा था कि तभी दरवाजे पर द तक होती है कौन है रुको आती हूं अरे रतन तू प्रणाम दीदी कैसी हो अरे ये जीजा जी को क्या हुआ यह चोट तू आप बैठ पहले कुछ खा पी ले फिर सारी बात बताती हूं रतन तुम तो कभी शहर आते नहीं हो अचानक कैसे आना हुआ बस जीजा जी आपसे और दीदी से मिलने का मन था और मुझे शहर में थोड़ा काम भी था ममता का भाई रतन गांव में रहता है उसका शहर आना बहुत कम होता है ममता भोला के साथ हुए हादसे के बारे में

(09:32) रतन को बताती है जिसे सुनकर रतन गुस्से में आ जाता है दीदी तुम चिंता मत करो अब मैं आ गया हूं मेरे रहते जीजा जी का काम कोई बंद नहीं कर सकता कल से मैं पानीपुरी का ठेला लगाऊंगा देखता हूं किसम हिम्मत है जो मुझे वहां से हटा दे रतन की बात सुनकर ममता और भोला पहले तो थोड़ा घबरा जाते हैं पर रतन उन्हें समझा देता है अगले दिन रतन पानीपुरी का ठेला लेकर बाजार पहुंचता है लच्छू पानीपुरी वाला भोला की जगह रतन को ठेला लगाते देख हैरान रह जाता है ओहो तुम कौन हो भाई जिसमें इतनी हिम्मत आ गई जो मेरे सामने पानीपुरी का ठेला लगा लिया मेरा नाम रतन है और भोला मेरे जीजा जी हैं

(10:11) अब से मैं उनकी जगह यहां पानीपुरी का ठेला लगाऊंगा भोला के तो हाथ पैर तुड़वा करर मैंने यहां से हटवा दिया अब तेरा भी यही हाल करवाऊं क्या है हिम्मत तो मेरे ठेले को हाथ लगाकर दिखा अभी अपने दोस्तों को फोन करता हूं हां रतन ग्राहकों को पानीपुरी खिलाने लगता है इतनी देर में लच्छू उन्हीं बदमाशों को बुला लेता है यह रहा भोला का साला रतन इसे भी इतना मारो कि यह भी खटिया पकड़ ले अरे मेरे हाथ को क्या हुआ मेरा हाथ एक जगह पर रुक क्यों गया है मैं इसे मार क्यों नहीं पा रहा मेरे साथ भी यही हो रहा है मेरे भी दोनों पैर जमीन से चिपक गए हैं मैं तो हिल भी नहीं पा रहा

(10:50) मेरे जीज जीी को तुम लोगों ने मारा था अब मेरा ठेला तोड़ने आए हो अभी तुम्हें सबक सिखाता हूं यह लो रतन उन बदमाशों को ऊपर नीचे घुमाता जा है वो उन्हें कभी आसमान में उड़ा देता है कभी जमीन पर पटक देता है रतन वास्तव में कोई और नहीं बल्कि हनुमान जी थे जो भोला की सहायता के लिए धरती पर आए थे वह तो बदमाशों को सबक सिखाना चाहते थे ताकि वह दोबारा कभी भोला को परेशान ना कर सके और ऐसा ही हुआ बदमाश डर कर वहां से भाग गए रतन गुस्से में लच्छू के ठेले पर जाता है उसे देखकर लच्छू घबरा जाता है और माफी मांगता है मुझे माफ कर दो रतन मुझसे

(11:31) गलती हो गई मैं आज के बाद कभी भी भोला को परेशान नहीं करूंगा मेरा ठेला मत तोड़ना मेरे घर में मेरी बीवी और बच्चे हैं मैं इसी रोजगार के सहारे अपना घर चलाता हूं घबराओ नहीं मैं तुम्हारे साथ ऐसा सलूक नहीं करूंगा जैसा तुमने किया मैं तो बस तुम्हें समझाने आया हूं हमेशा याद रखना दूसरों से ईर्षा करके कुछ नहीं मिलता अपना ही नुकसान होता है इसलिए अपने काम में मन लगाओ दूसरों को मत देखो वरना पापियों को दंड देते भगवान को देर नहीं लगती उस दिन के बाद लच्छू ने अपने काम में ध्यान लगाना शुरू कर दिया रतन लच्छू के सामने ही ठेले पर पानीपुरी बेचता था रतन की पानीपुरी

(12:09) लोगों को इतनी स्वादिष्ट लगती थी कि लोगों की भीड़ बढ़ती चली गई रतन कुछ महीनों तक वहीं रुका रतन ने काफी पैसे जोड़ लिए थे वह पैसे उसने भोला के हाथ में दिए जीजा जी यह पानीपुरी की कमाई के रुपए हैं अब आप इन रुपयों से अपनी एक दुकान और मकान खरीद सकते हो मैं कल सुबह ही गांव वापस चला जाऊंगा आपकी तबीयत में भी अब सुधार है और मेरा काम भी यहां पूरा हो चुका है रतन तुमने सचमुच मेरी बहुत मदद की है मानो हनुमान जी ने तुम्हें मेरी सहायता के लिए भेज दिया हो भोला की बातों को सुनकर रतन मुस्कुरा देता है इतनी देर में ममता को एक फोन आता है हेलो दीदी कैसी हो पता चला

(12:47) जीजा जी का एक्सीडेंट हो गया था मैं कल सुबह मां के साथ उन्हें देखने आ रहा हूं ठीक है मैंने सोचा मैं तुम्हें बता दूं अगर फोन पर रतन है तो सुनो जी यह कौन है ममता को घबराता देख हनुमान जी अपने असली रूप में आ जाते हैं उन्हें सामने खड़ा देख भोलो और ममता दोनों की आंखों में आंसू आ जाते हैं प्रभु आप आप मेरी मदद को आए आपकी महिमा अपम पार है प्रभु भोला तुम्हें तो पता ही है जब भी कोई भक्त सच्चे हृदय से मेरी पूजा और उपासना करता है मैं उसकी मदद के लिए अवश्य आता हूं तुम मेरे सच्चे भक्त हो हमेशा ऐसे ही ईमानदारी और मेहनत से काम

(13:26) करते रहना मेरा आशीर्वाद सदैव तुम रे साथ है इतना कहकर हनुमान जी अंतर्ध्यान हो गए भोला ने उन रुपयों से एक दुकान और एक मकान खरीद लिया और अपनी पत्नी ममता के साथ खुशी-खुशी जीवन बिताने लगा [संगीत]


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