शिव जी की सगाई | Hindi Kahani | Bhakti Stories | Moral Stories | Hindi Kahaniya | Bhakti Kahaniya

  शिव जी की सगाई | Hindi Kahani | Bhakti Stories | Moral Stories | Hindi Kahaniya | Bhakti Kahaniya 


झाल अजय को कर दो कर दो कि हिमालय पर्वत पर बहुत ही सुंदर साथ सजा हो रही थी आखिर इतनी खुशी का माहौल था और हमारी और की सच्चाई सबको कि कोई भी कसर नहीं रहने चाहिए आप बिल्कुल चिंता ना करें आप चिंता क्यों करते सब कुछ ठीक से और को तो आप जानते ही उनका चरित्र कितना भोला पार्वती उनके साथ बहुत खुश रहेगी का स्वभाव बहुत ही माता-पिता के मन को तसल्ली कार्य मैं आपके मन

(01:05) में पार्वती तैयार हुई हमारी और छात्रवृत्ति लग रही है वैसे देखा जाए तो यह रूप में जानती इतना खर्च क्यों मुझे पता है अब भी मंद मंद मुस्कुरा रही विजय मुझे पता प्रतिबंधों पर विचार कर रही है उन्होंने पार्वती को तैयार कर दिया मेरी पुत्री किसी की मां और मुझे आज तो इन दोनों को तुम्हारे साथ हंसी-ठिठोली कि तुम विवाह के बाद अपनी ससुराल चली जाओगी

(02:11) तो करें मां इन दोनों ने फैसला कर अपने इसे दोनों विवाह के पश्चात भी मेरा पीछा नहीं छोड़ने वाली क्या भला हम अपनी सखियों अकेला कैसे छोड़ देंगे पार्वती तो हमारी आत्मा है महारानी और फिर पार्वती अपने दोनों को गले से लगा ले राजा हिमवान कक्ष में आ की पुत्री पार्वती आज हम बहुत खुश है बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर आज तुम्हारी सगाई का कार्यक्रम ने इस आयोजन में पूरा ब्रह्मांड में महाराजा ब्राह्मण पंडित आचार्य ऋषि मुनी देवी देवता इस समारोह में और को अपना आशीर्वाद प्रदान करने की प्रवृति के स्वागत के लिए राजा और अतिथियों के स्वागत के लिए

(03:15) कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की सगाई समारोह में आने के लिए तैयारियां चल रही थी और विजय आदि सभी कहां प्रभु वह सब आपके घर रूम में जाने के लिए तैयार हो रहे हैं वह लीजिए आ गए सब लोग कि प्रभु यह क्या बात हुई आज आप की सगाई है और आप अभी तक तैयार नहीं हुए मैं भी प्रभु को इतनी देर से यही समझा रहा हूं कि सगाई में जाने के लिए देर हो रही है प्रभु तैयार हो जाते नारायण-नारायण वैसे भोलेनाथ का यह बहुत ही मनमोहक तो भोलेनाथ को इसी रूप में पसंद किया स्वागत बिल्कुल ठीक कह रहे हैं मैं इस रूप के सिवा किसी और रूप में गया तो यह

(04:21) पार्वती को स्वीकारना होगा तो देर किस बात की है कि युद्ध करते हैं और फिर भगवान शंकर मां पार्वती के साथ सगाई के लिए प्रस्थान करते उनके साथ मेहमानों की सूची में भारत समस्त ग्रह सब्सक्राइब कि नाग नागिन और समस्त पशु पक्षी आदि शामिल थे भगवान शंकर राजा के महल में पहुंचते और सभी अतिथिगणों का राजा और रानी धूमधाम से स्वागत करते सभी देवी देवता भगवान भोलेनाथ को बधाई देते थे भारत माता पार्वती अपनी सखियों के साथ महल में प्रवेश करती सरस्वती पार्वती और उत्सवों को अद्भुत से आधे लक्ष्मी पूजन के साथ बहुत सुंदर दिखाई भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती एक दूसरे

(05:28) के प्रति मुझे सचमुच ऐसा को पति रूप में पाने की तपस्या बेकार तो आप दो है और फिर आपको पत्नी रूप में पाना मेरे जीवन का आधार अ भगवान शंकर और माता पार्वती आपस में वार्तालाप कर ही रही थी कि तभी राजपुरोहित कहते हैं अब दोनों एक दूसरे की अनामिका उंगली में यह लोग महादेव के हाथों में भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती एक दूसरे को उसे वहां खड़े समस्त अतिथि गण भगवान शंकर और माता पार्वती के ऊपर फूलों की वर्षा करने लगे वसंत पंचमी के शुभ अवसर पर भगवान शंकर और माता पार्वती के सगाई समारोह से पूरी सृष्टि का वातावरण प्रफुल्लित हो गया अतिथिगण भगवान शिव और मां पार्वती को सगाई

(06:30) की बधाई देने और दोनों कुछ सूत्र में बंध जाएंगे शुभकामनाएं आप दोनों के साथ प्रॉब्लम रहने दे उतना ही अधिक कर चलती ही आई सही कह रहे हैं स्वामी ऑफिस नहीं आ जाने की लाश मिल जाएगी और विवाह में मिल जाएगी इससे पहले कि मैं लक्ष्मी की मूर्ति लगाने से बहुत समय आप कोई अश्लील वार्तालाप हम इसमें कोई यह कुछ और इसी तरह के वातावरण में स्वरूप और

(07:32) मुझे पूरा करो और कुछ नहीं फ्रूट कि चीन के जैसा सब्सक्राइब हो गया और कुछ ने अच्छी तरह और मां पार्वती कार्तिकेय समारोह धूमधाम से संदर्भ का यह त्यौहार लोग बहुत ही संपन्न हो जाता तब खुशी-खुशी भगवान शिव के साथ अपने लोक को वापस लौट जाते हैं


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