विष्णु भक्त कसाई। Hindi Kahani। Moral Stories। Bhakti Kahaniya। Bhakti Kahaniya। Hindi Kahaniya

  विष्णु भक्त कसाई। Hindi Kahani। Moral Stories। Bhakti Kahaniya। Bhakti Kahaniya। Hindi Kahaniya


 विष्णु भक्ति कसाई बहुत समय पहले एक कसाई जाति के साधना नाम के एक भक्ति हुए थे बचपन से ही इनको भगवान के नाम और हरि कीर्तन में बहुत रुचि थी भगवान का नाम तो इनकी जब पर हर समय राधा यह जाति से कसाई थे फिर भी यह दयावान बहुत थे इनका हृदय दया से परिपूर्ण था इसलिए वैसे हम पशु वध कभी नहीं करते आजीविका के लिए और कोई उपाय एन होने से दूसरों के यहां से मांस लाकर बेचा करते इस कम में भी इनका मां लगता नहीं था पर मां मार्कर जाति

(01:10) व्यवसाय होने से करते सदा नाम जब भगवान के गुणगान पुरुषोत्तम के चिंतन में लगे रहते भगवान अपने भक्ति से कभी दूर नहीं र शक्ति भक्ति को जैसे उनके बिना चैन नहीं वैसे ही उन्हें भी भक्ति के बिना चैन नहीं साधना कसाई के घर में भगवान शालिग्राम रूप में विराजमान थे और उनसे मां ओला करते एक दिन

(02:13) एक साधु साधना कसाई की दुकान के सामने से जा रहे थे दृष्टि पढ़ने ही वैशाली ग्राम जी को पहचान गए मां विक्रेता कसाई के यहां आप पवित्र स्थल में शालिग्राम जी को देखकर साधु को बड़ा क्लेश हुआ सड़ना से मांग कर वे शालिग्राम को ले गए सजना ने भी प्रसन्नता पूर्वक साधु को अपना वी चमकीलब्ध दे दिया साधु बाबा कुटिया पर पहुंचे हैं प्रेम से रिश्ते मुझे

(03:34) अत्यंत आनंद मिलता मुझे उसके तराजू में झूले बिना नींद नहीं आई जब वह मेरा नाम लेकर कीर्तन करता नाचे लगता तब आनंद के मारे रोम रोम पुलकित हो जाता तुम मुझे वहीं पहुंच दो मुझे सजना के बिना एक्शन चैन नहीं पड़ता [संगीत]

(04:43) [संगीत] प्रभु अब मुझे क्षमा करो अब सड़ना को अपने व्यवसाय से घृणा हो गई साधना कसाई शालिग्राम जी को लेकर पुरुषोत्तम क्षेत्र श्री जगन्नाथ पुरी को चल पड़े मार्ग में संध्या समय साधना जी एक गांव में उसे घर में स्त्री पुरुष दो ही व्यक्ति थे स्त्री का आचरण अच्छा नहीं था वह अपने घर ठहरे हुए इस स्वस्थ और सुंदर सबलपुरुष पर मोहित हो गई और आदि रात के समय साधना जी के पास आकर बोले तुम मेरी माता हो अपने बच्चे की

(06:05) परीक्षा मत लो मां मुझे आप आशीर्वाद दो भगवान के सच्चे भक्ति पर स्त्री को माता ही देखते उनको ब्रह्म में नहीं डालता पर हड्डी मां चमड़ा और माल मूत्र थूक पाइप की पतली को सुंदर माने की मूर्खता कर ही नहीं सकते परंतु जो कम केवीएस हो जाता है उसकी बुद्धि समस्त पता है और ना कुछ देख पता है उसका मूत्र स्त्री ने समझा की मेरे पति के भैया से ही यह मेरी बात नहीं मानता वह गई वह तलवार लेकर सोते हुए अपने पति का सर

(07:11) उसने कैट दिया [संगीत] [संगीत] की उसकी प्रार्थना स्वीकार नहीं हो शक्ति तब द्वारा पर आकर छाती पीट-पीटकर रन लगी उसने कहा की इस यात्री ने मेरे पति को मार डाला है और यह मेरे साथ बलात्कार करना चट्टान को खूब भला बड़ा कहा

(08:20) कोई सफाई नहीं मामला न्यायाधीश के पास गया सजना तो अपने प्रभु की लीला देखते हुए अंत तक चुप ही बने रहे उनके दोनों हाथ कैट लिए गई सजना के हाथ कट गए रुधिर की धारा चलने लगी उन्होंने इसे अपने प्रभु की कृपा ही माना उनके मां में भगवान के प्रति तनिक भी रोष नहीं आया भगवान के सच्चे भक्ति इस प्रकार आने पर भी अपने स्वामी [संगीत]

(09:48) उसमें बेटा कर ले जैसे ही श्री जगन्नाथ जी को दंडवत करके कीर्तन के लिए भुजाएं उठाई उनके दोनों हाथ पर्वत ठीक तो हुए पर मां में शंका बनी ही रही की वह क्यों कटे गए भगवान के राज्य में कोई निर्बाध तो दंड पता नहीं रात में स्वप्न में भगवान ने साधना जी को बताया तुम पूर्व जन्म में काशी में सदाचारी विद्वान ब्राह्मण थे एक दिन बाकी जाति उसने तुम्हें पुकार तुमने कसाई को जानते हुए भी गे के गले में दोनों हाथ डालकर उसे भागने से रॉक लिया वही गे वह

(10:58) स्त्री थी और कसाई उसका पति था पूर्व जन्म का बदला लेने के लिए साधना ने भगवान की असीम कृपा पी और भगत प्रेम में विह्वल हो गए बहुत कल तक नाम कीर्तन और गुणगान तथा भगवान के ध्यान में रहते हुए समय व्यतीत किया और अंत में श्री जगन्नाथ जी के चरणों में दे त्याग कर और परमधाम चले गए तो दोस्तों इसी प्रकार भगवान अपने भक्ति से कभी नाराज नहीं होते हैं और भगवान की सेवा

(12:06) हमें भक्ति गाना की तरह करनी चाहिए तो दोस्तों कहानी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं


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