कैलाश पर समोसे लाये विष्णु भगवान | Shiv Ji | Hindi Kahani | Bhakti Kahani | Bhakti Stories | Kahani

कैलाश पर समोसे लाये विष्णु भगवान | Shiv Ji | Hindi Kahani | Bhakti Kahani | Bhakti Stories | Kahani 



भगवान शिव तपस्या में लीन थे वैसे तो वे तपस्या के कुछ समय पश्चात विश्राम के लिए उठ जाते थे परंतु इस बार वे ऐसी गहरी साधना में लीन हुए कि जाग नहीं रहे थे यह देखकर मां पार्वती अत्यधिक चिंता में थी भगवान शिव को साधना से जगाने के लिए वे तरह-तरह के प्रयास कर रही थी माता भोलेनाथ तो तपस्या से जाग ही नहीं रहे हैं एक काम करो नंदी ढोल नगाड़े जो भी ला सको वह ले आओ बस किसी तरह महादेव तपस्या से उठ जाए मुझे तो बहुत चिंता हो रही है पता नहीं भोलेनाथ अपनी तपस्या से कब उठेंगे कब से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है देखो कोशिश

(01:00) शायद उठ जाए जो आज्ञा माता चलो सब नगाड़े ढोल बजाना शुरू करो हमें महादेव को तपस्या से उठाना है नंदी भृंगी आदि सभी शिव गण ढोल नगाड़े बजाने लगे काफी देर तक उन्होंने खूब ढोल नगाड़े बजाए पर शिवजी वैसे के वैसे ही तपस्या में लीन रहे उन पर ढोल नगाड़ो का कोई असर नहीं हो रहा था माता हम तो थक गए ये ढोल नगाड़े बजाते हुए पर महादेव तो तपस्या से उठ ही नहीं रहे महादेव ऐसा क्यों कर रहे हैं तपस्या से उठ जाइए ना कब से आपसे बात नहीं की आप कभी भी इतने लंबे समय के लिए तपस्या में नहीं जाते हैं पर इस बार पता नहीं आपको क्या हो गया है कि आप जाग ही नहीं रहे हैं तभी

(01:46) नारद मुनि आ जाते हैं नारायण नारायण प्रणाम देवी पार्वती प्रणाम देव शी नारद अच्छा हुआ आप आ गए अब आप ही इस चिंता का निवारण बताइए महादेव इतने अधिक समय के लिए कभी भी साधना में नहीं जाते इस बार वह इतनी लंबी साधना में गए हैं कि किसी भी उपाय से यह साधना से उठ नहीं रहे मुझे तो यह चिंता है कहीं महादेव भूख प्यास की वजह से कमजोर ना हो जाए उनका स्वास्थ्य ना खराब हो जाए अच्छा तो यह बात है चिंता मत कीजिए देवी पार्वती मैं अभी ब्रह्मदेव को जाकर सारी बात बताता हूं उनके पास कोई ना कोई उपाय अवश्य होगा ठीक है देवर्ष आप तुरंत ही ब्रह्मदेव के पास जाइए और उनसे

(02:32) पूछिए कि क्या उपाय है जिससे महादेव को जगाया जा सकता है माता पार्वती को चिंतित देखकर देवर्षी नारद ब्रह्मदेव के पास गए और उन्हें सारी बात बताई चिंता का विषय तो है और वैसे भी देवी पार्वती महादेव की धर्म पत्नी है और एक पत्नी को अपने पति की अधिक से अधिक चिंता होती है तो देवी पार्वती का चिंता करना भी उनके महादेव के प्रति प्रति अनमोल प्रेम को दर्शाता है इसके लिए हमें नारायण की सहायता लेनी चाहिए अब वही इस समस्या का समाधान बता सकते हैं तो चलिए ब्रह्मदेव हम विष्णु जी के पास चलते हैं जैसे ही ब्रह्मदेव और नारद मुनि विष्णु जी के पास जाने लगे

(03:18) उन्होंने देखा विष्णु जी स्वयं ब्रह्मा जी के पास आ रहे थे आप कहीं जा रहे थे ब्रह्मदेव हम आपके पास ही आ रहे थे नारायण अच्छा हुआ आप आ गए हमें आपसे बहुत जरूरी बात करनी है महादेव बहुत गहरी साधना में लीन हो चुके हैं वह किसी भी उपाय से साधना से जाग नहीं रहे हैं इसी वजह से देवी पार्वती बहुत चिंतित है वह चाहती है कि महादेव अब साधना से जाग जाए पर अत्यंत कोशिश करने के बाद भी कोई उपाय कारगर सिद्ध नहीं हो रहा नारायण देवी पार्वती से मैं मिलकर आया हूं उन्होंने ढोल नगाड़े बजाकर भी महादेव को उठाना चाहा परंतु उनका भी कोई असर नहीं हुआ ब्रह्मा जी और मैं

(04:09) आपके पास इसी प्रयोजन से आ रहे थे कि शायद आपके पास कोई उपाय हो जिससे महादेव जाग जाएं समोसे समोसे मैं आपके लिए समोसे लाऊ उसके बाद उपाय नहीं नहीं मेरे लिए समोसे नहीं महादेव के लिए समोसे महादेव समाधि से केवल बल समोस की खुशबू से ही उठ सकते हैं और वह समोसे मैं स्वयं लेकर आऊंगा अति उत्तम फिर तो आनंद आ जाएगा प्रभु थोड़े समोसे ज्यादा ले आना हम भी समोसे की दावत का आनंद ले लेंगे हां हां क्यों नहीं मैं सभी के लिए समोसे लेकर कैलाश पर पहुंच जाऊंगा आप और ब्रह्मदेव तब तक कैलाश पर पहुंच जाइए मैं बस कुछ ही देर में समोसे लेकर पहुंच रहा हूं फिर महादेव के साधना

(05:00) से उठ जाने के पश्चात हम सब मिलकर समोसे खाएंगे ब्रह्मदेव और देवर्षि नारद कैलाश पर पहुंचे और विष्णु जी के आने की प्रतीक्षा करने लगे कुछ समय पश्चात विष्णु जी समोसे लेकर कैलाश पर पहुंच जाते हैं विष्णु जी के साथ कुछ सेवक थे जिनके हाथ में समोस से भरे हुए थाल थे विष्णु देव समोसे वह भी इतने सारे यह किस लिए यह सारे समोसे मैं आप सभी के लिए लाया हूं खासकर महादेव के लिए क्योंकि एक बार जब महादेव मेरे साथ भ्रमण पर निकले थे तो उन्हें यह समोसे बहुत पसंद आए थे तो मैंने सोचा आज आप सबसे भेंट करने के लिए आ रहा हूं तो महादेव के लिए उनके प्रिय समोसे ही लेता जाता हूं

(05:48) इतने स्वादिष्ट समोसे हैं गर्म गरम कि बस आनंद आ जाए आ हा हा खुशबू ऐसी कि सभी के मुंह में पानी आ जाए पर महादेव तो साधना में लीन है वो समोसे कैसे खाएंगे हां नारायण महादेव अब साधना से जाग जाएं तभी यह समोसे खा सकते हैं हां यह तो आपने उचित कहा ब्रह्मदेव महादेव तो साधना में लीन है देवी पार्वती एक काम करते हैं अब हम सभी यह समोसे खा लेते हैं महादेव के लिए फिर कभी ले आऊंगा सेवक समोसे के थाल वहां सामने रख दो हम वहीं बैठकर खाएंगे विष्णु जी ने जानबूझकर समोसे महादेव के बिल्कुल नजदीक रखवा दिए समोस के सुगंध से महादेव साधना से जाग गए और उन्होंने अपनी

(06:41) आंखें खोल दी और तुरंत बोले अरे अरे मैं भी तो हूं आप सब मुझे भूल गए क्या यह समोसे मुझे भी अति प्रिय हैं और आप सब मेरे बिना ही खाने वाले थे महादेव आपने आंखें खोल ली आप साधना से जाग गए नारायण नारायण यह सब भगवान विष्णु की ही लीला है देवी पार्वती महादेव को साधना से जगाने के लिए यह युक्ति विष्णु जी को ही सूझी थी पता नहीं क्या हुआ मैं साधना में इतना लीन हो गया कि मुझे कुछ आभास ही नहीं रहा इनोसों की खुशबू ने मुझे साधना से उठा दिया बहुत जोरों की भूख लगी है तो फिर देर किस बात की महादेव चलिए समोसे का आनंद लेते हैं और फिर सब मिलकर भगवान विष्णु के

(07:32) लाए समोसे खाते हैं भगवान शिव को खूब चाव से समोसा खाता देख माता पार्वती के चेहरे पर रौनक फिर से लौट आती है





 क्या हुआ तू आइसक्रीम लिए बिना क्यों आ गया तुझे तो मैंने घनश्याम से 10 आइसक्रीम लाने के लिए कहा था मेरे कुछ खास दोस्त रात के खाने पर आ रहे हैं फिर तू खाली हाथ क्यों लौट आया है रे अ मुखिया जी वो घनश्याम मुझसे बहस करने लगा जब मैं उसके पास गया तो उसने मुझे आइसक्रीम देने से मना कर दिया बोल रहा है कि पहले जाकर आपसे पिछले पैसे लेकर आऊं तभी और आइसक्रीम देगा और बोल रहा है कि वो अब और उधार नहीं देगा उसकी इतनी हिम्मत वो मुझे आइसक्रीम

(08:18) देने से मना करेगा उसकी खैर नहीं जाओ तुम सब कल सुबह ही मिलकर जाओ और उस घनश्याम का आइसक्रीम का ठेला तोड़ दो मुखिया जिस घनश्याम की बात कर रहा था वो घनश्याम गांव में आइसक्रीम का ठेला लगाता था घनश्याम भगवान शिव की बहुत पूजा करता था और रोजाना ठेला लगाने से पहले भगवान शिव के मंदिर जाया करता था उसके बाद ही काम पर जाता था अगले दिन जब घनश्याम ठेला लेकर जाने लगा तो रास्ते में वह शिव मंदिर पर रुका और पूजा करने के लिए मंदिर के अंदर चला गया तभी एक आदमी भागता हुआ उसके पास आया और बोला अरे घनश्याम भैया अरे जल्दी बाहर आओ अरे देखो तुम्हारे आइसक्रीम के ठेले को

(08:59) मुखिया जी के आदमी तोड़ रहे हैं क्या मेरा ठेला हे शिवशंकर अब मैं क्या करूं घनश्याम मंदिर के बाहर जाकर देखता है मुख्या के आदमी उसका सारा ठेला तोड़ देते हैं घनश्याम की सारी आइसक्रीम जमीन पर गिर जाती है पूरा ठेला टूट चुका था निराश होकर घर लौट आता है हे शिवशंकर यह मेरे साथ क्या हो गया मेरा बहुत नुकसान हो गया अब मैं क्या करूंगा मेरा तो कितना सामान उधार पर उठाया हुआ था मैं सब कुछ कैसे करूंगा मुखिया ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया भगवान मेरा घर परिवार कैसे चलेगा मैं कैसे उधार के पैसे चुकाऊंगा सुनो जी तुम तो महादेव की इतनी पूजा भक्ति

(09:43) करते हो फिर उन्होंने तुम्हारी भक्ति का यह फल क्यों दिया मुखिया को दंड क्यों नहीं दिया मुखिया जी रोजाना इतनी सारी आइसक्रीम बिना पैसों के ले लेते हैं आज तक तुमने उन्हें कुछ नहीं बोला पर आज अपने हक के लिए बोला तो यह सब तुम तो कहते हो भगवान शंकर अपने भक्त की मदद के लिए जरूर आते हैं पर आज तो वह तुम्हारी मदद को आए ही नहीं अब हम गरीबों की मदद कौन करेगा वह मुखिया हमारा जीना मुश्किल कर देगा कौन हमारी सहायता करेगा हे महादेव कमला ठीक कह रही है उस मुखिया के अत्याचारों से बचने का उपाय अब सिर्फ आप ही बता सकते हो मेरी मदद करो

(10:22) प्रभु घनश्याम भगवान शिव से प्रार्थना करने लगा अगले दिन कुछ जुड़े हुए रुपयों से घनश्याम ने आइसक्रीम का ठेला लगाया वह डरा हुआ था पर मन ही मन वह शिवजी को भी याद कर रहा था तभी कोई द्वार पर आया भैया जी मैं बड़ी दूर से आया हूं काम की तलाश में निकला था पर यहां किसी ने भी कोई काम नहीं दिया आपके पास कोई काम मिल जाए तो बड़ा उपकार होगा मैं तो खुद परेशान हूं भाई मैं भला तुम्हें क्या ही काम दूंगा सुनो एक से भले दो तुम इसे अपने साथ काम पर ले जाओ देखने में भी लंबा चौड़ा हट्टा कट्टा है अगर मुखिया के आदमी परेशान करने आए तो हो सकता

(11:02) है उन्हें हटाने में यह तुम्हारी कुछ मदद कर दे अरे आप चिंता मत करो मेरे होते हुए भैया जी को कोई परेशान नहीं कर पाएगा ठीक है तुम मेरे साथ चलो मैं तो वैसे भी बहुत डरा हुआ हूं कोशिश करना वह बदमाश मेरी आइसक्रीम के ठेले को कोई नुकसान ना पहुंचाए घनश्याम जैसे ही बाजार पहुंचता है मुखिया के आदमी वहां आ जाते हैं क्यों बे कल की हालत भूल गया जो हमने तेरे साथ की थी तू यहां बाजार में अगर ठेला खड़ा करेगा तो मुखिया जी ने कहा है हमें मुफ्त में आइसक्रीम तुझे देनी ही पड़ेगी वरना हम तुझे यहां बाजार में खड़ा तो नहीं होने देंगे मुखिया जी को बोलो यह कोई तरीका

(11:40) नहीं है मैं मेहनत की रोटी कमाता हूं मैं उन्हें मुफ्त में रोजाना आइसक्रीम क्यों दूं मुझे भी अपना घर चलाना है ऐसा कहीं नहीं होता है अब जाओ मुझे अपना काम करने दो पहले ही तुमने कल मेरा बहुत नुकसान कर दिया है बड़ी मुश्किल से उधार के पैसे लेकर आज ठेला लगा है भाई इसकी तो जुबान बहुत लंबी होती जा रही है मुखिया जी ने पहले ही बोला था कि अगर यह बाजार में आइसक्रीम का ठेला लगाए तो हम इसके ठेले को तोड़ दें तो फिर देर किस बात की है चलो आज इसके ठेले का काम तमाम कर ही देते हैं घनश्याम का ठेला तोड़ने लगते हैं तभी वो व्यक्ति उनका हाथ रोक देता है अरे रुको

(12:17) बच्चा कहां रहे हो पहले मुझसे तो निपट लो अच्छा घनश्याम तो तूने अपने ठेले पर इस पहलवान को खड़ा कर दिया है ताकि यह तुझे और तेरे ठेले को बचा ले इसे तो हम अभी बताते हैं भोला से निपटना इतना आसान नहीं मेरा नाम भोला है पर जब मैं अपनी तीसरी आंख खोलता हूं तो मेरे सामने कोई भी पापी और अत्याचारी नहीं टिक पाता देखते ही देखते भोला नाम का वह व्यक्ति भीमा और बाकी सब बदमाशों को कुछ ही मिनटों में धूल चटा देता है सब बदमाश भागते हुए मुखिया के पास जाते हैं भोला तुमने तो मिनटों में इन्ह धूल चटा दी सचमुच तुम तो बहुत महाबल हो अब यह लोग

(13:01) तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाएंगे जब तक मैं इस ठेले पर खड़ा हूं यह तुम्हारे आइसक्रीम के ठेले को छू भी नहीं सकते बदमाश मुखिया को सारी बात बताते हैं मुखिया जी वो बहुत ताकतवर है भोला नाम है उसका उसके आगे हम टिक ही नहीं सकते अब आप आइसक्रीम मुफ्त में खाना भूल जाओ अब तो आपको पैसे देकर ही घनश्याम से आइसक्रीम मिलेगी अरे तुम चिंता मत करो मैंने अपने दोस्त रामलाल से उसके गुंडो को यहां बुलवाया है बस वह बस थोड़ी देर में आते ही होंगे तुम सबके बस का कुछ नहीं है भाई तुम तो जाओ और घर में चूड़ियां पहन कर बैठ जाओ बड़े आय कहने वाले कि मैं पैसों में

(13:39) आइसक्रीम खा लू मुखिया दूसरे गांव के बड़े बदमाशों को बुलाता है और उनके साथ घनश्याम के ठेले पर पहुंचता है चलो लड़को सारी की सारी आइसक्रीम उठा लो और घर ले चलो कोई आइसक्रीम नहीं बिकेगी यहां यह मेरा हुक्म है अरे मुखिया पहले पैसे तो दो बिना पैसों के एक भी आइसक्रीम नहीं मिलेगी अरे देख क्या रहे हो पीट दो इन दोनों को भोला मेरी वजह से तुम्हें चोट आए ये मुझे अच्छा नहीं लगेगा इन्हें आइसक्रीम ले जाने दो भोला यह बहुत सारे गुंडे हैं तुम अकेले इनका कैसे मुकाबला करोगे अरे चिंता मत करो मुझे कुछ नहीं होगा मैं इनके किए की सजा इन्हें

(14:19) देकर ही मानूंगा कुछ ही देर में भोला सारे बदमाशों को ढेर कर देता है सब भोला से माफी मांगकर भाग जाते हैं मुखिया भी घबरा जाता है कि खिर भोला में इतनी शक्ति कैसे है घनश्याम अब तक समझ चुका था कि हो ना हो यह उसके शिवशंकर ही है मैंने आपको पहचान लिया है आप कोई साधारण इंसान नहीं आप मेरे शिवशंकर है अपने रूप में आइए प्रभु आपने इन सबको दंड देकर मेरे ऊपर बहुत कृपा की है तभी भगवान शिव अपने रूप में आते हैं उन्हें देखकर मुखिया उनसे माफी मांगता है मुझे माफ कर दो महादेव जिसके साथ भगवान है उसका तो कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता घनश्याम मुझे

(15:02) माफ कर दो प्रभु मुझ ना समझ को माफ कर दो जब भी कोई मेरे भक्तों को कष्ट देता है मैं उसे उसके किए का दंड अवश्य देता हूं आज तो मैं तुम्हें क्षमा कर रहा हूं पर आज के बाद कभी भी तुमने मेरे किसी भी भक्त को कष्ट पहुंचाया तो फिर तुम्हें मेरे क्रोध से कोई नहीं बचा पाएगा जो ईमानदारी के रास्ते पर चलते हैं वो मुझे अति प्रिय और जो झूठ छल कपट से जीवन जीते हैं उन्हें मेरे द्वारा दंड अवश्य मिलता है भोला मेरा सच्चा भक्त है तुमने उसको दर्द पहुंचाकर मुझे कष्ट दिया है मैं जानता था प्रभु आप मेरी मदद को जरूर आएंगे मुझे आप पर विश्वास था कि आप मुझे कष्ट नहीं होने

(15:49) देंगे और आपको उस रूप में मैं पहचान नहीं पाया महादेव आपकी सदा ही जय हो जय भोले बाबा इसके पश्चात शिवजी अंतरध्यान हो जाते हैं घनश्याम यह लो अब तक मैंने तुम्हारी जितनी भी आइसक्रीम ली है और तुम्हारा जो भी नुकसान हुआ है यह उसके पैसे हैं भाई यह तुम अपने पास रखो आज के बाद मेरे कारण तुम्हें कभी कोई परेशानी नहीं होगी क्योंकि तुम भोले बाबा के भक्त हो सच्चे भक्त तुम्हारा कोई बाल भी बाका नहीं कर सकता आराम से तुम अपनी आइसक्रीम का ठेला लगाओ मैं चलता हूं उस दिन के बाद घनश्याम को कभी भी कोई कष्ट नहीं हुआ भोलेनाथ की कृपा से घनश्याम का काम बहुत अच्छा चलने

(16:33) लगा अब मुखिया भी उसे कुछ नहीं कहता था बल्कि कभी कभी जब वह आइसक्रीम मंगवा तो उसके दाम साथ में भेजता भगवान शिव की कृपा से घनश्याम की सारी परेशानियां दूर हो गई


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