गाय का सांप से बदला | GAAY KA SAMP SE BADLAA | GAAY KI KAHANI | KAHANIYA | MORAL STORIES #story

 गाय का सांप से बदला | GAAY KA SAMP SE BADLAA | GAAY KI KAHANI | KAHANIYA | MORAL STORIES #story 



 गाय का सांप से बदला झलक आपु गांव में सारे लोग ग्वाले थे वहां के लोग ज्यादातर दूध बेचने का काम करते थे सब लोगों ने अपने-अपने घरों में 10-10 गाएं रखी हुई थी लेकिन इस गांव में सोमनाथ एकलौता इंसान था जिसके पास एक ही गाय थी और वह गाय सब लोगों की 10 गायों के बराबर थी सोमनाथ की गाय मोहिनी इतना अच्छा और मीठा दूध देती थी कि उसके दूध की दूर-दूर तक फरमाइश होती थी और सबसे ज्यादा दूध उसी के घर का बिकता था सोमनाथ की पत्नी राधा को जब गोपाल हुआ था तो राधा बहुत बीमार पड़ गई थी जिस वजह से उसे कभी दूध आया ही नहीं फिर भी सोमनाथ

(00:43) और राधा ने गोपाल को मोहिनी के दूध से ही पाल पोस करर बड़ा किया गोपाल मोहिनी का ही दूध पीता है मां मां मुझे बहुत भूख लगी है मुझे दूध और रोटी दे दो ना हां मेरे बच्चे आ तुझे दूध रोटी खिला देती हूं राधा अपने पति सोमनाथ से बात करती हुई कहती है सुनिए जी मैं सोच रही थी कि मोहिनी को हम थोड़ा और खिलाएं पिलाए मोहिनी मुझे थोड़ी कमजोर लग रही है आप तो जानते ही हैं कि मोहिनी हमें कितनी किस्मत से मिली है एक तो उसके दूध से हमारा घर का खर्चा चलता है दूसरा तो उसी की वजह से हमारा गोपाल पला बढा है अगर वह नहीं होती तो हम गोपाल को कैसे

(01:26) पालते उसी का दूध पीकर आज हमारा गोपाल पूरे चार साल का हुआ है जी हां राधा तुम सही कह रही हो हमें मोहिनी को थोड़ा और ज्यादा खिलाना पिलाना होगा ताकि उसकी सेहत अच्छी बनी रहे और हां मुझे इस बात की खुशी है कि तुम मोहिनी का इतना ध्यान रखती हो क्योंकि मैं तो बाहर के कामों में ही ज्यादातर व्यस्त रहता हूं और तुम घर के कामों के साथ-साथ मोहिनी का इतना ध्यान रखती हो मुझे इस बात की बड़ी ही खुशी है कि तुम्हें मोहिनी का इतना ध्यान है सोमनाथ और राधा मोहिनी को पहले से भी ज्यादा और अच्छा खिलाने पिलाने लगते हैं यह देखकर मोहिनी बहुत खुश होती है मालिक

(02:06) और मालकिन मैं बहुत खुश हूं कि मुझे आप जैसे मालिक और मालकिन मिले हैं बड़ी किस्मत वालों को ऐसा घर मिलता है शुरू से लेकर आज तक आपने मेरा और मेरे बच्चे का बहुत ध्यान रखा है अरे मोहिनी तुम ऐसा क्यों सोचती हो किस्मत वाले तो हम हैं जो तुम हमें मिली तुम्हारी वजह से हमारा घर चलता है और तुम्हारी ही वजह से ही हमारा गोपाल आज इतना बड़ा हुआ है जानती हो ना तुम्हारा ही दूध पीता है हमारा गोपाल तभी तो इतना स्वस्थ रहता है वह अरे मालिक आप ये कैसी बातें करते हैं गोपाल मेरा भी तो बच्चा है मैंने तो आपसे पहले ही कहा था कि मेरे एक नहीं दो बच्चे हैं जब कोई मां

(02:49) अपने बच्चे को दूध पिलाती है तो कोई एहसान नहीं करती है मालिक मुझे गोपाल को दूध पिलाने में बहुत खुशी मिलती है अक्सर गांव के बहुत सारे लोग सोमनाथ से से सलाह लेते थे कि वह अपनी गाय को ऐसा क्या खिलाता है जिस वजह से वह इतना मीठा और ढेर सारा दूध देती है सोमनाथ तो सभी से यही कहा करता था कि तुम लोग अगर अपनी गाय को प्यार से रखोगे और अपने घर का सदस्य मानकर चलोगे उसकी अच्छे से सेवा करोगे तो वह तुम्हें उससे भी दो गुना दूध देगी लेकिन ऐसा तो कोई कर ही नहीं पा रहा था सभी ने सिर्फ दूध के लालच में ही गाय रखी थी बड़े दिन बाद सुकून की नींद ली है अब

(03:32) तो पेट में चूहे भी दौड़ रहे हैं बहुत भूख लगी है पर क्या खाऊं मुझे तो उस गाय का मीठा मठा दूध ही बहुत पसंद है खैर दूध तो मैं पी कर ही रहूंगा लेकिन उससे पहले मुझे अपनी भूख मिटाने के लिए कुछ और खाना पड़ेगा दरअसल तोला वही साफ था जो कुछ समय पहले रात को आकर मोहिनी को धमका के उसका सारा दूध पीकर चला जाता है और बेचारी मोहिनी डर के मारे उसे दूध पिला देती है जब यह बात सोमनाथ और राधा को पता चलती है तो वह एक सपेरे को लाई सपेरा उस सांप को पकड़ ले गया था लेकिन अब तोला सपेरे की कैद से आजाद हो गया था और उसे मोहिनी के दूध की बहुत याद सता रही थी वह किसी भी

(04:20) हाल में मोहिनी का मीठा दूध पीना चाहता था फिर खाने की तलाश में तोला इधर-उधर भटकता रहा और तभी उसे बिल से निकलता हुआ एक चूहा दिख गया उसने टके से चूहे को अपनी चपेट में ले लिया और उसे खाने लगा तभी चूहा उससे बोल उठा नहीं नहीं मुझे मत खाओ मुझे छोड़ दो मेरे छोटे-छोटे बच्चे हैं पत्नी है उनका मेरे सिवा कोई भी नहीं है मैं उनके लिए खाना ले जा रहा था मुझ पर रहम करो मुझे छोड़ दो यह तो बहुत बढ़िया बात है इसका मतलब तुम्हारे साथ-साथ मुझे तुम्हारी बीवी और बच्चे भी खाने को मिल जाएंगे अच्छा किया जो तुमने मुझे खुद ही उनके बारे में बता

(05:09) दिया तो चलो आज का मेरा खाने का गुजारा हो जाएगा छोड़ दो मुझे छोड़ दो अगर तुम मुझे छोड़ दोगे तो मैं जरूर तुम्हारे लिए काम आऊंगा मैं सारी उम्र तुम्हारा गुलाम बन के रहूंगा लेकिन मुझे छोड़ दो मेरी जान बख्श दो जैसे ही सांप ने चूहे के मुंह से गुलाम बनने की बात सुनी तो तोला सोच में पड़ जाता है यह चूहा तो मेरा गुलाम बनने की बात कर रहा है हां वैसे ठीक भी है इसको और इसके परिवार को अगर मैं खा लूंगा तो मेरा एक ही समय का भोजन निकलेगा लेकिन अगर इसे मैं नहीं खाऊंगा तो इससे अपने सारे काम ले सकता हूं ठीक है तो मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को नहीं खाऊंगा पर जैसा

(06:02) मैं कहूंगा तुम्हें वैसा ही करना पड़ेगा पर मुझे चूहे पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है चूहे बहुत ही छूटे और चालाक होते हैं अगर मैंने तुम्हें अभी जाने दिया तो तुम मुझे दोबारा कभी नहीं देखोगे इसलिए पहले ही तुम्हें अपने पूरे परिवार को मेरे पास छोड़ना होगा और उसके बाद जो जो मैं कहूंगा वोह तुम्हें करना पड़ेगा और जहां भोजन होगा वहां जाना पड़ेगा चूहा मजबूरी में सांप के पास अपने परिवार को छोड़ देता है और जैसा तोला उसे करने को कहता है वैसा ही चूहा करता है तोला उसे कहता है कि उसे मोहिनी के मीठे दूध की बहुत याद सताती है व उसका दूध पीना

(06:47) चाहता है लेकिन वह गांव की ओर जा नहीं सकता क्योंकि सारे गांव वालों को उसके बारे में पता है और सभी उसे मारने के लिए तैयार हैं इसीलिए वह उस गांव की तरफ नहीं जा सकता अब चूहे को तोला के लिए रोज रात को मोहिनी का दूध लाना पड़ेगा और अगर उसने ऐसा नहीं किया तो तोला उसके परिवार को मार के खा जाएगा जाओ जल्दी से अब जाओ मुझे उस गाय का मीठा मठा दूध लाक दो जल्दी जाओ मुझे वह दूध पीना है ठीक है ठीक है ठीक है चूहा अपने परिवार के लिए बहुत चिंतित था और सोचता है कि वह अपने अपने परिवार को कैसे सांप के चंगुल से आजाद करवाएगा क्या करूं कैसे अपने परिवार को

(07:37) बचा हं और कैसे उस गाय से दूध लेकर आऊं वह गाय भला मुझे क्यों दूध देगी और अगर मैं दूध लेकर नहीं गया तो वह मेरा परिवार को खा जाएगी भगवान मेरी मदद करो मैं क्या करूं अब तो बस एक ही रास्ता है उस गाय के आगे दूध की भीख मांगना क्या पता वो री बात को समझ ले और थोड़ा सा दूध दे दे चूहा जैसे ही मोहिनी के पास पहुंचता है और उससे थोड़ा सा दूध मांगता है क्या तुम पागल हो गए हो मैं तुम्हें क्यों दूध दूंगी मेरा दूध सिर्फ मेरे मालिक और मेरे बच्चों के लिए है मेरे दूध से मेरे मालिक का घर चलता है और ऐसे मुंह उठाकर तुम मेरा दूध मांगने आए हो मैं बहुत मजबूर हूं मुझे

(08:25) उम्मीद है कि तुम मेरी मजबूरी समझो गी फिर चूहा मोहिनी को सारी बात सुनाता है कि कैसे तोला ने उसके परिवार को बंदी बनाकर रखा है और अगर वह मोहिनी का दूध उसके लिए लेकर नहीं गया तो वह उसके परिवार को खा जाएगा क्या यह सब सच है हां यह बिल्कुल सच बात है मैं भला तुमसे झूठ क्यों बोलूंगा मेरे बच्चों की कसम मैं बिल्कुल सच कह रहा हूं उस बुरे सांप ने मेरे परिवार को बंदी बनाकर रखा है और अगर मैं उसके लिए तुम्हारा दूध लेकर नहीं गया तो तो वो मेरे परिवार को और मुझे खा जाएगा मोहिनी सांप के खौफ से बहुत घबरा जाती है और फिर कुछ सोचने लगती है खुद तो

(09:10) वो बहुत घबराई हुई थी पर चूहे को भरोसा दिलाती हुई कहती है तुम चिंता ना करो आज तो तुम मेरा थोड़ा सा दूध लेकर जाओ लेकिन कल तुम ऐसा करना कि उस सांप को सीधा यहां लेकर आना और उसे कहना कि मैं उसे अपना दूध पिलाना चाहती हूं क्या तुम उसे अपना दूध पिलाना चाहती हो पर क्यों गाय तो साप से बहुत डरती है और तुम उसे अपना दूध पिलाना चाहती हो और वह भी जानबूझकर हां गाय सांप से डरती है लेकिन इतना रिस्क तो उठाना ही पड़ेगा शायद तुम नहीं जानते वो बहुत बुरा और आलसी सांप है कुछ समय पहले उसने मुझे भी बहुत परेशान करके रखा था और आज जैसे

(09:51) तुम्हें डरा धमका के मेरा दूध लेने भेजा है वैसे ही कुछ समय पहले वह मुझे मेरे बच्चे को मारने की धमकी देकर रोज रात को मेरा दूध पीकर जाता था और मेरे साथ-साथ सबको बहुत परेशान करके रखा था उसने फिर उसे एक सपेरा पकड़ के ले गया लेकिन लगता है वो वहां से भाग निकला है लेकिन उसका राज अब और नहीं चलेगा उस सांप को सजा देने का समय आ गया है बस तुम किसी भी तरह से उसे मना कर ले आना कि मोहिनी उसे अपना दूध पिलाना चाहती है फिर तुम्हारा परिवार भी बच जाएगा और उसको भी उसकी असली सजा मिल जाएगी ठीक है मैं कल उसे किसी भी तरह से मना के ले आऊंगा चूहा मोहिनी से थोड़ा सा

(10:34) दूध लेकर तोला को जाकर दे देता है जिससे पीकर तोला बहुत खुश हो जाता है मजा आ गया बहुत दिनों बाद ऐसा मीठा दूध पीने को मिला चूहे मैं तुमसे बहुत खुश हुआ अब बस तुम्हें हर रोज मेरे लिए ऐसे ही उस मोहिनी गाय का मीठा-मीठा दूध लाना होगा अगर तुम ऐसा ही काम करते रहे तो मैं तुम्हारे परिवार को नहीं खाऊंगा और जिस दिन तुमने काम करने से इंकार किया उस दिन तुम्हारे पूरे परिवार को एक ही निवाले में निगल जाऊंगा और डकार तक नहीं लूंगा समझे ठीक है ठीक है जैसा तुम कहो लेकिन लेकिन सांप भाई मैं तुमसे कुछ कहना चाहता हूं तुम्हें पता है कि मोहिनी गाय तुम्हें

(11:28) खुद अपना सारा दूध पिलाना चाहती है अब तुम ही कहो कि तुम्हें कटोरे में थोड़ा सा दूध चाहिए या गाय का भर भर के दूध पीना है अगर तुम्हें गाय का ज्यादा दूध पीना है तो तुम्हें रोज रात को वहां जाकर उसका दूध पीना होगा और इसके लिए वह तैयार भी है तुम्हें दूध पिलाना चाहती है क्या तुम पागल हो गए हो कोई गाय मुझे अपना दूध पिलाना चाहेगी गाय तो हम सांपों से बहुत डरती है अरे अरे तुम ही तो कहते हो ना कि चूहे बहुत चालाक होते हैं तो बस मैंने अपनी चालाकी से उसे अपनी बातों में फंसा लिया और उसे तुम्हें दूध पिलाने के लिए राजी कर लिया नहीं

(12:13) नहीं मैं वहां दूध पीने नहीं जा सकता कहीं उन सारे गांव वालों ने मुझे मिलकर मार डाला तो पर गांव वालों को पता कैसे चलेगा कोई बताएगा तभी तो पता चलेगा ना तुम चिंता मत करो गांव वालों को कोई नहीं बताएगा तुम रात को दूध पीने चले जाया करना रात को गांव वाले सोए होते हैं मोहिनी गाय कह रही थी कि उसे तुम्हें दूध पिलाना अच्छा भी लगता है क्योंकि तुमने उसका दूध पहले भी पिया है इसलिए वह कह रही थी कि तुम वहीं आकर उसका दूध पिया करो अच्छा तो वह गाय मुझे खुद दूध पिलाना चाहती है फिर तो ठीक है मैं वहीं जाकर दूध पिऊंगा पर उसके लिए तुम्हें भी मेरे साथ

(12:59) चलना पड़ेगा और अगर इसमें तुम्हारी कोई चालाकी निकली तुमने अगर मुझसे झूठ बोला होगा तो मैं उसी समय तुम्हें मार डालूंगा वही मोहिनी सारी बात अपने मालिक सोमनाथ और मालकिन राधा को बताती है क्या वह दुष्ट साप फिर से लौट आया है पर इस बार वह बचकर नहीं जा पाएगा इस बार हम उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे आप सही कहते हैं जी इस बार हम उस सांप को मोहिनी के पास आने से पहले ही खत्म कर देंगे सोमनाथ और राधा सारी बात गांव वालों को जाकर बताते हैं फिर अगले दिन जैसे ही रात होती है सारे गांव वाले इकट्ठा होकर छुप के बैठ जाते हैं और फिर जैसे ही तोला मोहिनी का दूध पीने आता

(13:45) है आज तो मैं गाय का मीठा मठा सारा दूध पी जाऊंगा तुम आ गए दुष्ट साप आ तो गए हो पर इस बार बच के नहीं जाओगे इस बार तुम्हें कोई सपेरा कैद करके नहीं ले जाएगा क्योंकि तुम हर बार किसी ना किसी तरह सपेरे की कैद से निकल जाते हो और इस बार तो हम तुम्हें जिंदा ही नहीं छोड़ेंगे पागल काए कोद तो मुझे दूध पिलाने के लिए बुलाती हो और फिर मुझे मारने की बात करती हो चल चुपचाप से मुझे दूध पिला नहीं तो तुम्हें काट लूंगा तभी छुपे हुए गांव वाले डंडे और लाठियां लेकर निकल आते हैं मारो मारो इस दुष्ट साप को इस बार यह बच के जाने नहीं पाए हां इस बार यह जिंदा यहां से जाना

(14:38) नहीं चाहिए इसने हमारी मोहिनी को परेशान करके रखा है गांव वालों को अपनी ओर आता देख तोला घबरा जाता है धोखा चूहे तूने मुझे धोखा दिया मैं तुझे और तेरे परिवार को जिंदा नहीं छोडूंगा क जाऊंगा तुम सबको खा जाऊंगा हमें खाने के लिए तुम जिंदा बचोगे तब ना और मैंने तुम्हें कोई धोखा नहीं दिया तुम जैसे दुष्ट के साथ तो ऐसा ही होना चाहिए था तभी सारे गांव वाले मिलकर डंडे और लाठियों से पीट पीट कर तोला को मार डालते हैं तोला जैसे अघोरी सांप के मरने के बाद मोहिनी और सारे गांव वाले चैन की सांस लेते हैं अगर आपको हमारी यह वीडियो अच्छी

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