हनुमान जी ने खाया बर्फ का गोला | Hanuman Ji Ne Khaya Barf Ka Gola | Hindi Kahani | Moral Stories

हनुमान जी ने खाया बर्फ का गोला | Hanuman Ji Ne Khaya Barf Ka Gola | Hindi Kahani | Moral Stories 



 एक बार हनुमान जी भगवान राम और माता सीता के साथ पृथ्वी लोक से भ्रमण करते हुए वापस स्वर्ग की ओर जा रहे थे तभी हनुमान जी का कुछ मीठा खाने का मन हुआ प्रभु हम पृथ्वी लोक से गुजर रहे हैं कुछ मीठा खाने का मन है अगर आप आज्ञा दें तो क्या मैं कोई मिष्ठान खाकर सकता हूं तब तक आप और माता सीता कुछ देर उस पेड़ के नीचे विश्राम कर लीजिए इससे आपकी थकान भी दूर हो जाएगी ठीक है हनुमान हम कुछ देर वृक्ष के नीचे विश्राम करते हैं जाओ तब तक तुम कोई मिष्ठान खाकर आओ पुत्र हनुमान अकेले अकेले मिष्ठान मत खाना थोड़ा मिष्ठान हमारे लिए

(00:52) भी ले आना जो आज्ञा माता मैं अभी गया और अभी आया भगवान राम और माता सीता पेड़ के नीचे विश्राम करने लगे और हनुमान जी मिठाई ढूंढने के लिए निकल पड़े हनुमान जी चलते-चलते गांव के भीतर पहुंच गए पर हनुमान जी को देखकर लोग हैरान हो गए और सब बातें करने लगे लगता है यह व्यक्ति किसी नाटक या रामलीला में हनुमान बना है तभी यह गांव में हनुमान जी के रूप में घूम रहा है हां तुम ठीक कह रहे हो भाई लगता तो ऐसा ही है लोग बातें करते हुए निकल रहे थे और हनुमान जी मिष्ठान भंडार ढूंढ रहे थे चलते-चलते हनुमान जी एक मिठाई की दुकान पर पहुंचे मिठाई की दुकान पर तरह-तरह के

(01:33) मिष्ठान देखकर हनुमान जी के मुंह में पानी आ गया भैया वह जलेबी देना देखने में बहुत ही स्वादिष्ट लग रही है कितनी देनी है लाओ पैसे दो पर मेरे पास तो पैसे नहीं है पैसे नहीं है तो जलेबी भी नहीं मिलेगी भैया बिना पैसों के कुछ नहीं मिलेगा अच्छा अच्छा भाई कोई बात नहीं खुश रहो हनुमान जी उस मिठाई वाले की दुकान से थोड़ा और आगे बढ़े वह और भी दुकानों पर गए पर वहां भी उन्हें बिना प के किसी ने भी मिठाई नहीं दी हनुमान जी निराश हो गए मुझे तो बिना पैसों के कोई भी मिठाई नहीं दे रहा तभी हनुमान जी की नजर कुछ बच्चों पर पड़ती है रामू भैया मेरे बर्फ के गोले के ऊपर मीठा

(02:13) शरबत ज्यादा डालना रामू भैया मेरे बर्फ के गोले पर खट्टा मीठा दोनों यह भी कोई मिठाई लगती है एक बार जाकर पूछता हूं हनुमान जी बर्फ का गोला बनाने वाले रामू के ठेले पर जाते हैं अरे वाह आज तो हनुमान जी खुद मेरे ठेले पर आए हैं ऐसा ही समझ लो भैया जी वैसे भैया जी मुझे यह मिठाई खानी है मेरा मिठाई खाने का बहुत मन है क्या तुम मुझे यह मिठाई दे सकते हो मिठाई हां वैसे यह मिठाई ही समझ लो इसे बर्फ का गोला कहते हैं आप खाओगे बर्फ का गोला बना दूं मन तो बहुत है यह बर्फ का गोला खाने का पर मेरे पास पैसे नहीं है कोई बात नहीं भैया जी आप

(02:52) इसे ऐसे ही ले लो आप खाओगे तो मुझे लगेगा आज मेरा बनाया हुआ बर्फ का गोला हनुमान जी ने खाया है मैं अभी आपको बढ़िया सा मीठा मठा बर्फ का गोला बना कर देता हूं हनुमान जी रामू को मुस्कुराते हुए देख रहे थे और रामू बहुत प्रेम के साथ बढ़िया मीठा मठा रंगों वाला बर्फ का गोला बना रहा था कुछ देर बाद रामू एक बड़ा सा बर्फ का गोला बनाकर हनुमान जी को देता है हनुमान जी ने जब वह बर्फ का गोला खाया तो वह बहुत प्रसन्न हुए यह बर्फ का गोला तो बहुत स्वादिष्ट मिठाई है मेरा तो मन तृप्त हो गया भैया जी क्या आप दो बर्फ के गोले और बना सकते हो मुझे अपने साथ आए दो लोगों को

(03:34) और यह मिठाई खिलानी है अब हां हां क्यों नहीं भैया जी जरूर मैं अभी आपको दो और बर्फ के गोले बनाकर देता हूं हनुमान जी देख रहे थे कि रामू को पता था कि उसे उन बर्फ के गोलों के बिल्कुल पैसे नहीं मिलने वाले फिर भी वह बहुत प्यार के साथ खूब मेहनत के साथ बर्फ के गोले बना रहा था जब रामू ने हनुमान जी को दो बर्फ के गोले और दिए तो हनुमान जी रामू से बोले तुम्हारा दिल बहुत बड़ा है मैं तुम्हें इसके बदले कुछ देना चाहता हूं हनुमान जी ने अपनी बंद मुट्ठी खोली तो उसमें सोने के 10 सिक्के थे यह लो रामू यह सोने के सिक्के तुम्हारे लिए हैं यह तुम्हारी

(04:15) मेहनत की कमाई है रामू हनुमान जी को देखता रहा हनुमान जी मुस्कुराए और आशीर्वाद देकर वहां से अंतर ध्यान हो गए रामू समझ गया कि सचमुच आज साक्षात हनुमान जी उसके ठेले पर बर्फ का गोला खाने आए थे और वह दो गोले जरूर प्रभु श्री राम और माता सीता के लिए ही ले गए होंगे हनुमान जी के इस उपहार से रामू अत्यंत खुश हुआ और उसने भविष्य में भी हमेशा दान और सेवा करने का संकल्प लिया इस प्रकार हनुमान जी ने मिठाई यानी बर्फ का गोला भी खा लिया और चुस्की वाले रामू को उनका आशीर्वाद भी मिल गया जिससे उसकी जिंदगी बदल गई हनुमान जी प्रभु श्री राम

(04:59) और माता सीता को को भी बर्फ का गोला देते हैं उन्हें भी बर्फ का गोला बहुत स्वादिष्ट लगता है और उसके पश्चात हनुमान जी माता सीता के साथ पृथ्वी लोक से वापस स्वर्ग लोक को लौट जाते हैं 



जय बजरंग बली आपकी सदा ही जय हो हनुमान जी आप सदैव अपना आशीर्वाद मेरे सर पर बनाए रखना आपका नाम लेकर ही मैं अपना पानीपुरी का ठेला शुरू करता हूं आप मुझ पर अपनी कृपा यूं ही रखना आओ आओ बढ़िया ताजी स्वादिष्ट चटपटी पानीपुरी खाओ ऐसी पानीपुरी आज तक नहीं खाई होगी 10 में 20 पानीपुरी सस्ती और खस्ता भी आओ आओ पानीपुरी का ठेला लच्छू पानीपुरी वाला मेरे ठेले के सामने एक नया ठेला लग गया

(05:47) भोला पिछले कई सालों से पानीपुरी का ठेला चला रहा था वह हनुमान जी का परम भक्त था और रोजाना हनुमान मंदिर में दर्शन करते हुए वह अपना ठेला लेकर काम पर जाता था भोला ने अप ने ठेले पर भी हनुमान जी की एक फोटो लगा रखी थी जिस पर वह रोजाना पानीपुरी शुरू करने से पहले हनुमान जी को पानीपुरी का भोग लगाता था भोला को ऐसा करते देख सामने नया ठेला लगाने वाला लच्छू जोर-जोर से हंसने लगता है ऐसा तो भाई पहली बार देखा है हैं हनुमान जी पानीपुरी खाते हैं कैसे बेवकूफ लोग हैं जो भगवान को पानीपुरी खिलाते हैं देखो भैया तुम यहां नए आए हो इसीलिए अपनी

(06:28) हद में रहो मेरा मजाक उड़ाने की कोई जरूरत नहीं है अपने काम से काम रखो मैं तुम्हें कुछ नहीं कह रहा इसका मतलब यह नहीं कि तुम मुझे कुछ भी बोलते जाओगे ऐसा है अब यहां मैं आ गया हूं अब मेरा पानीपुरी का ठेला ज्यादा चलने वाला है तुझे तो मैं कुछ ही दिन में यहां से तेरे हनुमान जी के साथ गायब कर दूंगा समझा लच्छू बदमाश टाइप का आदमी था उसके कई बदमाश दोस्त थे जो खाली समय में उसके ठेले पर आकर मौज मस्ती करते थे लच्छू जो पानीपुरी बनाता था उसका तरीका बहुत ही गंदा था यह बात किसी को भी पता नहीं थी यह काम वो चोरी छुपे करता था भोला

(07:03) अपनी पत्नी ममता को इस बारे में बताता रहता था ममता तुम नहीं जानती हो वह नया पानी पूरी वाला लच्छू बहुत ही गंदा इंसान है वो ग्राहकों को गंदे पानी और पुराने मसालों से बनी पानी पूरी खिलाता है यह बात कोई ग्राहक नहीं समझता सबको बस सस्ता दिखता है इसी वजह से मेरे ठेले पर ग्राहकों का आना बहुत कम हो गया है सब लच्छू के ठेले पर ही जाते हैं सुनो जी बेईमानी की नीव पर खड़ी इमारत की दीवारें बहुत कच्ची होती हैं देखना यह लच्छू ज्यादा दिन टिक नहीं पाएगा और पर आप तो अपने हनुमान जी पर विश्वास रखते हो ना तो अपनी सारी चिंता छोड़ दो भोला हनुमान जी

(07:35) का ध्यान करके सो जाता है अगले दिन भोला जब अपना ठेला लेकर बाजार पहुंचता है तो उसके ठेले पर कुछ बदमाश आ जाते हैं ओए पानी पूरी खिला तो जरा देखें तेरी पानीपुरी में कितना स्वाद है जी अभी खिलाता हूं यह लीजिए भाई पानीपुरी में ज्यादा स्वाद नहीं है थोड़ा तीखा और मिला बे मेरा दोस्त कई दिनों बाद आया है इसे जी भर के पानीपुरी खिला तभी दो आदमी और आ जाते और वो भी उन्हीं दोनों बदमाशों के दोस्त होते हैं व भी साथ में पानीपुरी खाने लगते हैं उनमें से दो लोग भोला के सिर पर मार मार कर बात कर रहे थे भोला को यह सब पसंद नहीं आ रहा था अरे आप लोग यह

(08:13) कैसी हरकत कर रहे हैं खिला तो रहा हूं इंसान हूं कोई मशीन नहीं खिलाने में समय तो लगता ही है अब आप चार मैं एक खिलाने वाला चलो भाई चलते हैं बस कर बे अरे अरे कहां जा रहे हो मेरे पैसे तो दे जाओ कौन से पैसे अरे तुम लोगों ने जो पानीपुरी खाई है मैं उसके पैसे मांग रहा हूं हमसे पैसे मांगेगा जा नहीं देते बोल क्या कर लेगा यह क्या बदतमीजी है तुम तो गुंडागर्दी कर रहे हो मेरी मेहनत की कमाई है वो तो तुम्हें देनी ही पड़ेगी साले हमसे पैसे मांगता है अभी तुझे बताते हैं चारों बदमाश भोला को बुरी तरह पीटने लगते हैं और उसका पानीपुरी का ठेला पूरा तोड़

(08:48) देते हैं सामने खड़ा लच्छू पानीपुरी वाला जोर-जोर से हंस रहा था और मारो आज के बाद इसे पानीपुरी बेचने के लायक ही मत छोड़ना आसपास से जाते हुए लोग बदमाशों से इतना डर गए थे कि कोई भी भोला की मदद को नहीं आया बदमाश लच्छू के दोस्त थे वो जब वहां से चले गए तब एक व्यक्ति ने भोला की मदद की और उसे रिक्शा पर बिठाया भोला लहूलुहान घर पहुंचा उसकी हालत देखकर ममता घबरा गई और उसे डॉक्टर के पास ले गई भोला के हाथ पैरों में बहुत चोट थी डॉक्टर ने भोला को कुछ दिन आराम के लिए बोल दिया ममता यह सब उस बदमाश लच्छू पानी पुरे वाले का ई कि आदरा है हे बजरंग बली ऐसे पापियों को सजा

(09:29) क्यों नहीं मिलती अब मैं काम पर कैसे जाऊंगा भोला अभी ममता से बात कर ही रहा था कि तभी दरवाजे पर दस्तक होती है कौन है रुको आती हूं अरे रतन तू प्रणाम दीदी कैसी हो अरे ये जीजा जी को क्या हुआ ये चोट तू आप बैठ पहले कुछ खा पी ले फिर सारी बात बताती हूं रतन तुम तो कभी शहर आते नहीं हो अचानक कैसे आना हुआ बस जीजा जी आपसे और दीदी से मिलने का मन था और मुझे शहर में थोड़ा काम भी था ममता का भाई रतन गांव में रहता है उसका शहर आना बहुत कम होता है ममता भोला के साथ हुए हादसे के बारे में रतन को बताती है जिसे सुनकर रतन गुस्से में आ जाता है दीदी

(10:12) तुम चिंता मत करो अब मैं आ गया हूं मेरे रहते जीजा जी का काम कोई बंद नहीं कर सकता कल से मैं पानीपुरी का ठेला लगाऊंगा देखता हूं किसम हिम्मत है जो मुझे वहां से हटा दे रतन की बात सुनकर ममता और भोला पहले तो थोड़ा घबरा जाते हैं पर रतन उन्हें समझा देता है अगले दिन रतन पानीपुरी का ठेला लेकर बाजार पहुंचता है लच्छू पानीपुरी वाला भोला की जगह रतन को ठेला लगाते देख हैरान रह जाता है ओहो तुम कौन हो भाई जिसमें इतनी हिम्मत आ गई जो मेरे सामने पानीपुरी का ठेला लगा लिया मेरा नाम रतन है और भोला मेरे जीजा जी हैं अब से मैं उनकी जगह यहां पानीपुरी का ठेला लगाऊंगा

(10:50) भोला के तो हाथ पैर तुड़वा करर मैंने यहां से हटवा दिया अब तेरा भी यही हाल करवाऊं क्या है हिम्मत तो मेरे ठेले को हाथ लगाकर दिखा अभी अपने दोस्तों को फोन करता हूं हां रतन ग्राहकों को पानीपुरी खिलाने लगता है इतनी देर में लच्छू उन्हीं बदमाशों को बुला लेता है यह रहा भोला का साला रतन इसे भी इतना मारो कि यह भी खटिया पकड़ ले अरे मेरे हाथ को क्या हुआ मेरा हाथ एक जगह पर रुक क्यों गया है मैं इसे मार क्यों नहीं पा रहा मेरे साथ भी यही हो रहा है मेरे भी दोनों पैर जमीन से चिपक गए हैं मैं तो हिल भी नहीं पा रहा मेरे जीजाजी को तुम लोगों

(11:27) ने मारा था अब मेरा ठेला तोड़ने आए हो अभी तुम्हें सबक सिखाता हूं ये लो रतन उन बदमाशों को ऊपर नीचे घुमाता जाता है वो उन्हें कभी आसमान में उड़ा देता है कभी जमीन पर पटक देता है रतन वास्तव में कोई और नहीं बल्कि हनुमान जी थे जो भोला की सहायता के लिए धरती पर आए थे वह तो बदमाशों को सबक सिखाना चाहते थे ताकि वह दोबारा कभी भोला को परेशान ना कर सके और ऐसा ही हुआ बदमाश डर कर वहां से भाग गए रतन गुस्से में लच्छू के ठेले पर जाता है उसे देखकर लच्छू घबरा जाता है और माफी मांगता है मुझे मा माफ कर दो रतन मुझसे गलती हो गई मैं आज के बाद कभी भी भोला को

(12:09) परेशान नहीं करूंगा मेरा ठेला मत तोड़ना मेरे घर में मेरी बीवी और बच्चे हैं मैं इसी रोजगार के सहारे अपना घर चलाता हूं घबराओ नहीं मैं तुम्हारे साथ ऐसा सलूक नहीं करूंगा जैसा तुमने किया मैं तो बस तुम्हें समझाने आया हूं हमेशा याद रखना दूसरों से ईर्षा करके कुछ नहीं मिलता अपना ही नुकसान होता है इसलिए अपने काम में मन लगाओ दूसरों को मत देखो वरना पापियों को दंड देते भगवान को देर नहीं लगती उस दिन के बाद लक्षू ने अपने काम में ध्यान लगाना शुरू कर दिया रतन लच्छू के सामने ही ठेले पर पानीपुरी बेचता था रतन की पानीपुरी लोगों को इतनी स्वादिष्ट लगती थी कि लोगों

(12:47) की भीड़ बढ़ती चली गई रतन कुछ महीनों तक वही रुका रतन ने काफी पैसे जोड़ लिए थे वह पैसे उसने भोला के हाथ में दिए जीजा जी यह पानीपुरी की कमाई के रुपए हैं अब आप इन रुपयों से अपनी एक दुकान और मकान खरीद सकते हो मैं कल सुबह ही गांव वापस चला जाऊंगा आपकी तबीयत में भी अब सुधार है और मेरा काम भी यहां पूरा हो चुका है रतन तुमने सचमुच मेरी बहुत मदद की है मानो हनुमान जी ने तुम्हें मेरी सहायता के लिए भेज दिया हो भोला की बातों को सुनकर रतन मुस्कुरा देता है इतनी देर में ममता को एक फोन आता है हेलो दीदी कैसी हो पता चला जीजा जी का एक्सीडेंट हो गया था मैं कल

(13:24) सुबह मां के साथ उन्हें देखने आ रहा हूं ठीक है मैंने सोचा मैं तुम्हें बता दूं अगर फोन पर रतन है तो सुनो जी यह कौन है ममता को घबराता देख हनुमान जी अपने असली रूप में आ जाते हैं उन्हें सामने खड़ा देख भोला और ममता दोनों की आंखों में आंसू आ जाते हैं प्रभु आप आप मेरी मदद को आए आपकी महिमा अपम पार है प्रभु भोला तुम्हें तो पता ही है जब भी कोई भक्त सच्चे हृदय से मेरी पूजा और उपासना करता है मैं उसकी मदद के लिए अवश्य आता हूं तुम मेरे सच्चे भक्त हो हमेशा ऐसे ही ईमानदारी और मेहनत से काम करते रहना मेरा आशीर्वाद सदैव तुम्हारे

(14:05) साथ है इतना कहकर हनुमान जी अंतरध्यान हो गए भोला ने उन रुपयों से एक दुकान और एक मकान खरीद लिया और अपनी पत्नी ममता के साथ खुशी-खुशी जीवन बिताने लगा [संगीत]


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