रक्षाबंधन और यमराज | Raksha Bandhan or Yamraj | Emotional | Moral | Bedtime Stories | Hindi Kahaniya

 रक्षाबंधन और यमराज | Raksha Bandhan or Yamraj | Emotional | Moral | Bedtime Stories | Hindi Kahaniya 



रक्षाबंधन और यमराज बंधु बंधु तू जल्दी क्यों छुपा रहे हो मुझे नहीं तो फालतू में हल्ला मचा था तो भैया अरे रुक तो सही अरे आधे किताब लिखी है है वैसे ही जैसे यह सब्जी खरीदकर लाया हूं पैसे देकर और कैसे वैसे सोचा तो यह था मैंने कि अगले हफ्ते रक्षाबंधन पर यह किताब मुझे तो हुए दूंगा लेकिन फिर सोचा कि अगले हफ्ते तक इसे पढ़कर खत्म कर देगी और खूब मन लगाकर

(01:06) बहुत सारे पैसे खर्च कर दो कि यह इतने मिश्रण वध माना कि तुझे कॉलेज पाने की हालत नहीं है मेरी लेकिन इतना तो कर ही सकता हूं तेरे लिए सूरज की आंखों में आंसू थे जिससे उसकी लाचारी साफ झलक रही थी सूरज बंधा और फैक्ट्री में मजदूरी करता था बहुत छोटी थी इन दोनों के सिर से पिता का साया उठ गया सूरज की उम्र उस वक्त बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन फिर भी उसने सब्सक्राइब लिए पैसे कमाने के चक्कर में सूरज ऊपर लेकिन उस प्रबंधन को स्कूल भेजा लेकिन स्कूल के प्रबंधक कॉलेज की पढ़ाई का खर्च उठा पाना सूरज सूरज को हर वक्त रहता था दूसरी तरफ वंदना

(01:57) भी बहुत ही समझदार लड़की थी बहुत अच्छी थी लेकिन अपने की पूरी अच्छे से समझ लो मैं सूरज की आंखों में आंसू देखकर फौरन उसके गले से चेन लगी और बोली भैया ऐसा मत बोलो आपने जो मेरे लिए कोई भी नहीं कर सकता और फालतू मे कॉलेज से घर पर ही कुछ पड़ सकती है की बात सुनकर सूरज को पढ़ा-लिखाकर काबिल बनाना चाहता था और इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रहा था और अपनी सेहत को भी काफी हद तक नजरअंदाज कर रहा था गर्म पानी मैंने कितनी बार आपको इस चैनल को सब्सक्राइब कर लें कितने दिनों से आप रात भर सोने और फिर सारा दिन में मेहनत करते हैं कि बिल्कुल भी नहीं है

(03:00) थेरे अरे तू चिंता मत कर सब ठीक हूं मैं जाकर सो जा तू अब हम सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना है है अरे पागल है क्या कल मालिका रहे हैं फैक्ट्री तो तो कल फैक्ट्री जल्दी जाना है और मैंने तुझे ठीक मामूली खांसी तो है बस अपने आप सूरज गलत उसे मामूली खांसी नहीं थी बल्कि यह एक बड़ा था जिससे वह काफी वक्त से नजरअंदाज कर उसे कई बार समझाया लेकिन कभी की वजह से तो कभी के खर्च को लेकर आनाकानी करता रहा और उसकी हालत बिगड़ती चली गई कि आपको रात हो चुकी थी लेकिन फिर भी घर से बाहर निकलें अपने पड़ोसियों से मदद मांगी जाने

(04:06) वाली थी लेकिन घर से बाहर निकलती किसी के बात करने की आवाज़ सुनी अर में बंध आवाज की तरफ बढ़ी और फिर उसे देखा उसे देखकर बुरी तरह से चौंक करें कि चित्रगुप्त क्या है यह सब यदि इस मनुष्य की मृत्यु का समय अभी नहीं आया है तो फिर हम यहां क्या कर रहे हैं प्रभु की विधि के अनुसार मनुष्य का अंतिम समय आ गया है कि * चित्रगुप्ता समस्या हो प्रभु यह पवित्र आत्मा जीवन भर संघर्ष किया और अच्छे कर्मों का ही फल प्राप्त कि जब तक उसकी अंतिम इच्छा पूर्ण की अंतिम इच्छा पूर्ण करो और फिर इसके लिए रक्षाबंधन का त्योहार और यह अंतिम बार अपनी बहन से राखी बंधवा

(05:08) इसकी आत्मा शरीर पर कि नहीं बांधती अतः प्रातः काल होते हैं इसकी बहन से राखी बांधेगी और फिर हम अपना कार्य पूर्ण कर सकते हैं हमें तब तक प्रतीक्षा करनी होगी सूरज की मौत होने वाली है यह सिर से पांव तक लेकिन फिर भी उसने खुद को संभाला और चुपचाप अपने घर पर जाकर सूरज को होश में लाने की कोशिश करने लगे देखते ही देखते हो गई और सूरज को हो लेकिन उसकी हालत बहुत ही खराब थी तो इस तरह से आप [हंसी] आराम करो सुबह के साथ ही रक्षाबंधन का

(06:15) त्योहार था कि युद्ध ने पूछा कि अपनी सजा मीण लेकिन फिर भी उसने सूरज को राखी नहीं बांधी सूरज के कई बार कहने पर भी वह बात चलती रही दूसरी तरफ घर के बाहर खड़े सब्सक्राइब अ कि चित्रगुप्त और कितनी प्रतीक्षा करनी होगी अब तो दिन होने को आया है प्रभु मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा आखिर इस मनुष्य की बहन के मन में क्या चल रहा है अपने भाई को राखी बांध रही है यह खड़े रहकर प्रतीक्षा करने से कुछ नहीं होगा चित्रगुप्त हमें स्वयं ही कुछ करना होगा यमराज के चित्र को उनके साथ सूर्य और चंद्र की घर की तरफ चल दिए लेकिन वह यह नहीं जानते थे कि उनका इंतजार कर रही थी

(07:05) रूप बदलने के बावजूद दोनों को पहचान लिया था लेकिन यह बिल्कुल भी सही ढंग से घ्र घ्र से उनकी तबीयत बहुत खराब करो उसके पास इलाज करने हैं झालर कैसे आप कृपया को कैसे ठीक करें आइए अब हम का एक ही राज तुम जितना जल्दी हो सके उसकी कलाई पर राखी बांध और फिर ऐसा नहीं कर सकती अरे बहन अपने भाई को राखी रक्षाबंधन के बारे में कितनी तकलीफ होगी लेकिन असल में काफी वक्त से पहले तांत्रिक ने कहा कि रक्षाबंधन के दिन उससे पहले

(08:13) किसी और की कलाई पर राखी बांधी और उसे अपना बना लूं तो मेरे चैनल को सबस्क्राइब तो इसमें मेरी बहन ने मुझे बहुत ख़ुशी होगी कि में का इंतजार था वह फौरन अपने पूजा की थाली लेकर आई और फिर पूरे विधिविधान से उसने यमराज की कलाई पर राखी बांधी और फिर उनकी आरती उतारी यह सब देखकर बहुत खुश हुए और सदा खुश रहो तुम मुझे अपना बना दिया तो यह बताओ कि तुम मुझसे रक्षाबंधन के बारे में क्या चाहिए तुम्हें जो चाहिए मैं तुम्हें तो आप मुझे मना कर सकते चाहे जो हो जाए मैं इसमें सोचना क्या है तो मांगो तुम्हें जो चाहिए वह तो प्रभु मुझे अपनी राखी के बदले में का

(09:18) जीवन यहीं चाहिए की बात सुनकर यमराज और चित्रगुप्त कि यह क्या कह रही हो हम यह कर सकते हैं आप सब कुछ कर सकते हैं मैं जानती हूं कि आप साधारण मनुष्य नहीं बल्कि और चित्रगुप्तजी तो यहां पर मैंने कल रात की सारी बातें मैंने अब तक आपने मेरे अलावा और कोई नहीं है कि नहीं ऐसा नहीं हो सकता देखो बहन वृद्धि तो सबकी है तुम्हारे भाई का समय तो हमारे साथ चलना होगा अगर ऐसी बात है तो फिर आपको के साथ लेकर से पहले यह मेरी मौत हो गई थी और वहां से

(10:22) चाकू से अपने हाथ की नस काट ली थी और चित्रगुप्त से तृप्त हो रहा है चित्रगुप्त सब्सक्राइब और बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांध चित्रगुप्त को लेकर वहां से चले गए कि उन्हें वंदना को रक्षाबंधन का वहीं उपहार दिया जो से चाहिए था सूरज बिल्कुल ठीक था और हमेशा के लिए वंदना के साथ अ


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